ठाणे [ युनिस खान ] उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने मिली विस्फोटक भरी स्कार्पियों गाडी के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या मामले में एटीएस ने दो आरोपियों को आज गिरफ्तार कर किया है। मुख्य आरोपी सहायक पुलिस निरीक्षक रहे सचिव वाजे की बेनामी सिमकार्ड मुहैया कराने वाले क्रिकेट सटोरिये नरेश रमणिकलाल गोर व वर्सोवा में हुए लखनभैया कथित एन्काउंटर मामले में आजीवन कारावास सजा से पेरोल पर आये पुलिस कर्मी विनायक बालासाहेब शिंदे शामिल है।
एटीएस ठाणे यूनिट के सहायक पुलिस आयुक्त श्रीपाद काले ने बताया कि 25 फरवरी 2021 को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के सामने मिली विस्फोटक भरी स्कार्पियो गाडी मिलने के मामले की जांच चल रही थी। इसी बीच स्कार्पियो गाडी के मालिक मनसुख हिरेन की 5 मार्च को मुंब्रा रेतिबंदर की खाड़ी में लाश मिली। राज्य शासन ने घटना को गंभीरता से लेते हुए एटीएस को जांच करने की जिम्मेदारी दी। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारीयों के मार्गदर्शन में एटीएस की 6 टीमें जांच में जुट गयी। गुप्त सूचना आधार पर आज 21 मार्च को दो लोगों पर निगरानी रखे हुए थी। पुलिस अधिकारीयों ने नरेश रमणिकलाल गोर [ 31] और विनायक बालासाहेब शिंदे [ 51] गिरफ्तार कर लिया है। नरेश गोर का क्रिकेट पर सट्टा लगाने का अवैध कारोबार है। उसने विस्फोटक व हत्या मामले में गिरफ्तार सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को व निलंबित पुलिस कर्मी विनायक शिंदे को 5 बेनामी सिमकार्ड उपलब्ध कराया है। विनायक शिंदे निलंबित पुलिस कर्मी है जिसे वर्सोवा के लखनभैया कथित एंकाउन्टर मामले में आजीवन कारावास सजा हुई है। शिंदे मई 2020 में पेरोल पर जेल से आया है। पेरोल पर आने के बाद से शिंदे मनसुख हत्या मामले में गिरफ्तार सचिन वाजे के संपर्क में आया और अवैध कारोबार में वाजे की मदद कर रहा था। एटीएस ने गिरफ्तार गोर व शिंदे को आज ठाणे न्यायालय के समक्ष पेश किया। न्यायालय ने दोनों आरोपियों को 30 मार्च तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया है। पूरे मामले में कौन कौन शामिल है और इसका मुख्य सूत्रधार कर है इसकी एटीएस पुलिस जांच कर रही है।