ठाणे [ युनिस खान ] संविधान में दर्ज धर्मनिरपेक्ष तत्व को भूलने वाले महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को राकांपा ने संविधान की प्रति भेजकर उन्हें संविधान की याद दिलाने का काम किया है। राकांपा नेता व राज्य के गृहनिर्माण मंत्री डा. जितेन्द्र आव्हाड के मार्गदर्शन में शहर राकांपा अध्यक्ष आनंद परांजपे के नेतृत्व में संविधान की प्रति व प्रस्तावना की लेमिनेटेड प्रति डाक से राज्यपाल को भेजकर संविधान की विजय के नारे लगाया है।
राकांपा शहर अध्यक्ष परांजपे के नेतृत्व में राकांपा कार्यकर्ता ठाणे के हेड पोस्ट आफिस के निकट एकत्र हुए। डाक से राज्यपाल को संविधान की प्रति भेजकर संविधान को याद करने का सलाह दिया। इस मौके पर परांजपे ने कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि हिन्दुत्ववादी होने के बावजूद कुछ माह से राज्य के देवी देवताओं को तालाबंदी कर रखा है। प्रार्थना स्थलों को बंद करके आपको दैवी संकेत मिल रहा है कि आप अचानक धर्मनिरपेक्ष बन हो। ऐसा सवाल राज्यपाल ने अपने पत्र के माध्यम से किया है। परांजपे ने कहा कि राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर रहते हुए महामहिम राज्यपाल कोश्यारी महोदय ने ऐसा सवाल किया है जिसका राकांपा निषेध करती है। पार्टी कार्यकर्ता संविधान की विजय के नारे लगाकर असंवैधानिक सवाल उठाने का निषेध किया है। परांजपे ने कहा कि महामहिम राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को कुर्सी पर बैठने बावजूद भारतीय संविधान भूल गए हो तो उन्हें संविधान याद करने के लिए भारतीय संविधान की प्रति स्पीड पोस्ट से भेज दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को मंगलवार को जो पत्र लिखा है उससे संविधान पर अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी किया है। भारतीय लोकतंत्र डा. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान से चलता है। संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द राज्यपाल को दिखाने के लिए संविधान की प्रति हमने उन्हें भेजा है। भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। इस मौके पर प्रदेश सचिव व नगर सेवक सुहास देसाई , शहर महिला आध्यक्ष सुजाता घाग , युवक अध्यक्ष विक्रम खामकर ,विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष विजय भामरे ,कार्याध्यक्ष विक्रांत घाग ,सामाजिक न्याय विभाग अध्यक्ष कैलाश हावले ,महासचिव रविन्द्र पालव ,समीर पेंढारे , निलेश फडतरे ,निलेश कदम ,राजू चापले ,संतोष घोने ,दिनेश सोनकांबले आदि उपस्थित थे