ठाणे [ युनिस खान ] केंद्र सरकार ने जाने अनजाने में संविधान संधोधन कर आरक्षण देने के राज्य सरकार का अधिकार छीन लिया है . इस आशय का आरोप लगाते हुए पूर्व सांसद हरिभाऊ राठोड ने राज्य सरकार के अधिकार छीनने वाला संविधान संशोधन तत्काल रद्द करने की मांग किया है . पूर्व सांसद राठोड ने पत्रकार सम्मेलन न कहा है कि केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 366 में संशोधन कर 26 सी धारा शामिल कर उसके माध्यम से राज्य सरकार के आरक्षण दने के अधिकार को छीन लिया है .जिसके चलते प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तत्काल जी आर निकालकर 26 सी धारा रद्द करें जिससे राज्यों का आरक्षण देने का अधिकार बहाल हो सके . अन्यथा आगामी 27 तारीख की सुनवाई में मराठा समाज का आरक्षण चला जाएगा .इस आशय का दावा राठोड ने किया है . 12 बलुतेदारों को आरक्षण देने के बारे में उन्होंने पत्रकार सम्मेलन बोलते कहा कि कि केंद्र सरकार के संविधान संशोधन के चलते आरक्षण देने की समस्या उत्पन्न हो गयी है .संविधान संशोधन अधिनियम 102 के अनुसार राज्यों को किसी जाती को आरक्षण देने का अधिकार लेने से मराठा आरक्षण खतरे में पद गया है . उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में जनता , सरकार व तग्य वकीलों के साथ मराठा आरक्षण की याचिका कर्ताओं को बार बार बताया है .इसके बावजूद इस मूद्दे की अनदेखी की जा रही है . उन्होंने कहा कि यह बात प्रधानमंत्री को भी बताया है .केंद्र सरकार के हाथ से संविधान संशोधन में अनुच्छेद 342 [अ] व अनुच्छेद 366 के [ 26 सी] से अपने आप राज्य सरकार के हाथ से अधिकार निकल गया है . जिसके चलते देश के किसी राज्य में आरक्षण देने का अधिकार सिर्फ संसद को है . बिल पास कर इसके लिए क़ानून बनाना पड़ेगा . जिसके लिए संविधान में संशोधन कर पुनः राज्य सरकार का बहाल करें . राठोड ने 12 बलुतेदारों को 4 फीसदी आरक्षण देने की मांग करते हुआ कहा है कि राज्य की महाविकास आघाडी के तीनों दल बलुतेदारों को विधान मंडल में प्रतिनिधित्व दें . उन्होंने कहा कि राज्यपाल नियुक्त विधान परिषद् का चयन होने वाला है उसमें तीनों दल एक एक उम्मेदवारी बलुतेदार को देने की मांग किया है . फोटो – प्रफुल्ल गांगुर्डे