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किसान आन्दोलन सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए – राज ठाकरे 

ठाणे [ युनिस खान ] किसान क़ानून बनाने से पहले राज्यों कृषि मंत्री व मुख्य मंत्रियों से चर्चा करने की जरुरत थी। एक दो लोगों के लाभ के लिए क़ानून नहीं बनाया जा सकता है उसमें कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं पूरा क़ानून गलत नहीं है। इस आशय का उदगार व्यक्त करते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि किसान आन्दोलन को सुलझाना संभव नहीं होने पर प्रधानमंत्री को खुद हस्ताक्षेप करना चाहिए। उन्होंने बिजली बिल व ईंधन दर वृद्धि जैसे जैसे कई मुद्दों पर भाजपा व शिवसेना पर निशाना साधा।

                          टोलनाके पर वर्ष 2014 में हुई तोड़फोड़ के मामले में वाशी न्यायालय में पेशी के लिए आने के बाद कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए राज ठाकरे ठाणे आये थे।  शासकीय विश्राम गृह पत्रकारों से मुताखिब होते हुए उन्होंने कई मुद्दों पर बात किया। किसान आन्दोलन करने वाले किसानों को रोकने के लिए भारी सुरक्षा लगाने  मुद्दे पर कहा कि किसान बाहर से नहीं आये है इतनी सुरक्षा तो चीन के बार्डर पर भी नहीं दिखाई दी है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे अमेरिकी पाप सिंगर रेहाना के टयूट के मुद्दे पर कहा कि उनसे ऐसा कराया जा रहा है तो अनुचित है। लेकिन बगैर किसी नाम लिए उन्होंने कहा कि अबकी बार ट्रंप सरकार भी नहीं कहना चाहिए था। राजे अपने के सेलेब्रेटी से कहा कि उन्हें इस बखेड़े न नहीं पड़ना चाहिए।  उन्होंने बिजली बिल  मुद्दे पर कहा कि किसने आन्दोलन किया यह सब जानते है बताने की जरुरत नहीं है। लाक डाउन में हुई समस्या का बिजली ग्राहकों पर भार डालने का विरोध करते हुए इशारों में राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि इस दौरान सभी दुकाने बंद थी तो सोचा बिजली कंपनियों से ही कुछ मिलेगा।  हमने आन्दोलन किया दूसरी पार्टियों को कुछ पड़ी नहीं है। हमने बिजली बिल के मुद्दे पर शरद पवार से बात किया उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों से चर्चा करना पड़ेगा।  इसके बाद आदानी उनसे मिलकर गए दोनों में क्या बात हुई यह तो मुझे नहीं पता है। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से शिवसेना व शरद पवार पर निशाना साधा। भाजपा के आन्दोलन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि तुम्हे आन्दोलन करने की क्या जरुरत है केंद्र में तुम्हारी सरकार है उससे बात करना चाहिए। हमें आन्दोलन करना था हमने किया। औरंगाबाद  नाम बदलकर संभाजी नगर करने के मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना दोनों को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि पांच वर्ष दोनों केंद्र व राज्य  सत्ता में थे।  अनेक शहर का नाम बदला गया तब क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि इसका उत्तर भाजपा और शिवसेना को देना चाहिए। चुनाव आने पर तुम्हे यह सब मुद्दे याद आ रहे हैं। राज ठाकरे ने आज मीरा भाईंदर के एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा में विरोधी पक्षनेता देवेन्द्र फडनवीस के उस बयान पर भी टिप्पणी किया । फडनवीस ने कहा था कि  राज्य की सरकार गिराने के लिए हमें सीढ़ी की जरुरत नहीं पड़ेगी। राज ठाकरे ने कहा यह काम करने के लिए उनके पास कोई जादू है।

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