मुंबई , ओस्टॉमी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव शेखर भाई ठाकुर और चेयरमैन उदय केरवार ने थावर चंद गहलोत( केंद्रीय सामाजिक कल्याण मंत्री) से मांग की है की ऑस्टोमेट या ऑस्टमी मरीजों को हैंडीकैप का दर्जा दिया जाए। इसके साथ राजेंद्र गुप्ता कमलापुरी वैश्य समाज ट्रस्ट के सचिव ने बताया है कि ऑस्टमी
ऐसी बीमारी है जब आदमी के मल मूत्र का निकास का प्राकृतिक मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। तब ऐसे लोगों का ऑपरेशन करके मल मूत्र निकास के लिए कृत्रिम मार्ग तैयार किया जाता है और रोगी के पेट के पास एक थाली चिपका दी जाती है जिसमें हमेशा मल मूत्र का विसर्जन होता रहता है। इस थैली को हमेशा बदलना पड़ता है जो काफी खर्चीला होता है ऐसे लोगों को हमेशा बड़े डॉक्टर के संपर्क में रहना पड़ता है। इस रोग के शिकार लोग काम करने में असमर्थ होते हैं क्योंकि मल मूत्र की थैली हमेशा साथ रहने के कारण वह बाहर निकलने से भी संकोच करते हैं। इस थैली में हमेशा लिकेज का डर बना रहता है उन्होंने कहा यदि सरकार उन्हें अपंग का दर्जा दे और जीएसटी इन उपकरणों पर ना लगाएं तो उन्हें भी काफी रियायत मिल जाएगी। इस कदम से ऑस्टमी से पीड़ित व्यक्तियों में भी आशा का संचार हो सकता है | उनमें भी जीवन के प्रति आकर्षण पैदा हो सकता है| इस संदर्भ में महामहिम राष्ट्रपति से भी गुहार करेंगे कि इस तरह के मरीजों को जल्द से जल्द विकलांगता की श्रेणी में लाया जाए। गवर्नमेंट के गैजेट में 80 नंबर पेज पार्ट 2 सेक्शन 3 पर लगातार लीकेज होने की समस्याओं को विकलांगता की श्रेणी में 75 परसेंट से ज्यादा में गिना जाता है। अतः सरकार से अनुरोध करते हैं कि जल्द से जल्द इन मरीजों के बारे में गंभीरता से विचार करें और उन्हें सामाजिक न्याय मिले। साथ ही साथ सोशल जस्टिस के एडमिनिस्ट्रेशन के लोगों की तरफ से सकारात्मक कार्यवाई की उम्मीद करते हैं। सामाजिक न्याय मोर्चा, मुंबई के अध्यक्ष डॉ बाबुलाल सिंह ने भी उपरोक्त मांगों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से जल्द सकारात्मक कदम उठाने की मांग की है।