ठाणे [ युनिस खान ] मनपा परिवहन सेवा की बसों की जानकारी देने वाला जीपीएस केंद्र व आयटीएस प्रकल्प कागजों तक सिमट कर रह गया है। मनपा एक ओर स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर है वहीँ यात्रियों को बसों की जानकारी देने वाली योजना चार वर्षो से लटकी हुई है।
गौरतलब है कि करीब चार वर्ष पूर्व मनपा ने परिवहन सेवा की बसों की यात्रियों को जनकारी उपलब्ध कराने के लिए जीपीएस केंद्र व आयटीएस प्रकल्प शुरू करने की प्रक्रिया शुरू किया। इसके माध्यम से बसों के छूटने व स्टाप पर पहुँचने , बसों में सवार यात्रियों की संख्या व सीटों की स्थिति आदि की संपुर्ण जानकारी उपलब्ध कराने की योजना थी। बस स्टाप पर स्क्रीन लगाकर मोबाइल एप्प के माध्यम से जानकारी उपलब्ध होनी वाली थी। मनपा प्रशासन की उदासीनता के चलते यह योजना अधर में लटकी है। मनपा के माध्यम से डिजिटल इंडिया के माध्यम से ठाणे में इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम [ आयटीएस ] प्रणाली क्रियान्वित करने के लिए पोखरण रोड के नीलकंठ के टर्मिनस में जीपीएस सेवा केंद्र बनाया गया। यह केंद्र बंद पड़ा है जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इसके लिए मनसे के जनहित व विधि विभाग के ठाणे शहर अध्यक्ष स्वप्निल महिन्द्रकर ने कहा है कि मनपा परिवहन सेवा की करीब 370 बसें 100 मार्गों पर अपनी सेवा दे रही है। सभी बसें जीपीएस सिस्टम से जोड़ी जाने वाली थी। जिससे यात्रियों को बसों की जानकारी उपलब्ध होने वाली थी। बस किराये , आने के समय व सीटों की स्थिति आदि की जानकारी मिलने वाली थी। वेयर इज माय टीएमटी बस इस मोबाईल एप्प पर एक क्लिक पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एप्प का उद्घाटन किया गया था। मनपा ने इस कार्य का ठेका केपीएमजी एडवरटाइज सर्विसेस कंपनी को ठेका दिया गया था। कंपनी चार वर्षो में कोई काम नहीं किया जिससे सिस्टम बंद पड़ा है। इस योजना के अंतर्गत अनेक बॉस स्टाप स्क्रीन लगायी गयी थी। स्क्रीन का कोई लाभ बस यात्रियों को भले नहीं हुआ लेकिन यात्रियों के सिर में मार लगने की घटनाएं होती रही। वर्ष 2017 में शिवसेना पक्ष प्रमुख व वर्तमान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथो प्रकल्प का भूमिपूजन किया गया था। मनसे जनहित व विधि विभाग के ठाणे शहर अध्यक्ष महिन्द्रकर ने कहा है कि मनपा आयुक्त ने गंभीरता से नहीं लिए तो हम मनसे स्टाइल में आन्दोलन करेंगे।