ठाणे [ युनिस खान ] लाक डाउन में ईद के पहले खरीददारी के लिए नागरिकों के सड़क पर आने से पुलिस व स्थानीय प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में विफल साबित हुआ है। पुलिस का कहना है की रमजान माह शांतिपूर्ण माहौल में बीत चूका है। ईद को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है।
एक ही सड़क के दोनों ओर घनी आबादी वाले मुस्लिम बाहुल्य मुंब्रा में ईद की खरीदी के लिए स्वयं सड़क पर आई भीड़ को हटाने का स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई की है लेकिन कानून व सुव्यवस्था की दृष्टि से कोई कठोर कदम नहीं उठा पाया है। मुंब्रा में कोरोना संक्रमण की स्थित को देंखें तो बुधवार 12 मई को मनपा के 9 प्रभाग समिति क्षेत्र में सबसे कम 15 नए मरीज सामने आये। मुंब्रा में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने से वहां लोगों में पहले की अपेक्षा कोरोना का भय कम हुआ है। कोरोना लाक डाउन के चलते हमेशा की तरह भीड़ नहीं हुई। फिर भी कोरोना का संकट समाप्त नहीं हुआ है इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना अत्यंत आवश्यक है। सडकों पर भीड़ जमा होने प्रशासन की विफलता ही कही जायेगी। कुछ लोग भी सवाल कर रहे हैं की चुनावी कार्यक्रम व दूसरों के कार्यक्रम में भीड़ से कोरोना नहीं आता और क्या हम से कोरोना फैलता है। मनपा के सहायक आयुक्त सागर सालुंखे ने कहा है कि मुंब्रा में मार्केट व सड़क पर लोग व्यवसाय कर रहे हैं। मनपा ने किसी को अनुमति नहीं है हम कार्रवाई करते हैं। मुंब्रा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मधुकर कड ने कहा है कि कोरोना के नियमों का पालन कराते हुए शांतिपूर्ण माहौल में ईद संपन्न करने के लिए मुंब्रा पुलिस के साथ सुरक्षाबल तैनात किया गया है। कांग्रेस नेता व पूर्व महापौर नईम खान ने कहा है कि पुलिस व मनपा प्रशासन फेल हुआ है। राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन की ढिलाई से सडकों पर खरीदी के लिए भीड़ जुटी है। 9 मई के पहले मुंब्रा में कोरोना के 5 मरीज थे अब यह संख्या 15 हो गयी है। मुंब्रा कोरोना मुक्ति के करीब है लेकिन भीड़ होने से कोरोना संकरण बढ़ सकता है। प्रशासन और नागरिक दोनों को कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ध्यान देने की आवश्यकता है।