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नाला सफाई नहीं होने से बरसात में भिवंडी के पुनः डूबने पर मनपा होगी जिम्मेदार – प्रशांत लाड

भिवंडी [ एम हुसेन ] भिवंडी मनपा प्रशासन द्वारा मानसून से लगभग डेढ महीन पहले ही नाला सफाई का ठेका देकर सफाई काम  शुरू करवाया जाना चाहिए था परंतु मानसून के पहले नाला और छोटी नालियों की सफाई पर ध्यान नहीं देने के कारण पुनः  शहर पानी में डूबने के कगार पर है। यही नही भूमिगत गटर योजना चरण -2 अंर्तगत कई सड़कों पर पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई की गई है जिसके कारण दोनों तरफ की छोटी नालियां पूरी तरह से मिट्टी से पटी हुई है। आगामी कुछ ही दिनों में मानसून का आगमन होने वाला है,जिसके कारण नालियों का मलयुक्त पानी सड़कों पर बनेगा। इसके साथ बड़े नालों की भी समुचित सफाई नहीं होने कारण नालों का पानी चेम्बर का ढक्कन तोड़ कर उफान मारते हुए पानी बनेगा जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है।
                भिवंडी मनपा ने प्रभाग समिति क्रमांक 5 में बड़े नालों की सफाई करने के लिए शुभम कंस्ट्रक्शन कंपनी को 23 लाख 54 हजार 587 रुपये में ठेका दिया है वहीं पर प्रभाग समिति 3 में इसी कंपनी को 21 लाख 4 हजार 486 रुपये में नाला सफाई के लिए ठेका दिया गया है। भिवंडी मनपा क्षेत्र अंतर्गत नालों की कुल लम्बाई 42,685 मीटर है.भिवंडी मनपा क्षेत्र अंतर्गत सीमाओं में कुल बड़े-छोटे मिलाकर कुल 92 नाले हैं मनपा प्रभाग समिति क्र.1 में 17 नाला, मनपा प्रभाग समिति क्र. 2 में 14 ,मनपा प्रभाग समिति क्रमांक 3 में 26, मनपा प्रभाग समिति क्र. 4 में 13 मनपा प्रभाग समिति क्र. 5 के क्षेत्रों में 22 नालों का समावेश है।
                 मनपा आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया ने ठेकेदारों सहित मनपा अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नालों और नालियों की समुचित सफाई नहीं हुई तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।इसके साथ ही मनपा आयुक्त ने सफाई पर विषेश ध्यान देने के लिए प्रभाग अधिकारी, आरोग्य निरीक्षक तथा कनिष्ठ अभियंता की फौज तैनात कर रखा है ।इस संदर्भ में नगरसेवक व पूर्व सभागृह नेता प्रशांत लाड ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मनपा प्रशासन व स्थायी  समिति पर नाला सफाई कार्य हेतु निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व के कार्यकाल में सदैव मानसून आगमन से डेढ से दो महीने पूर्व ही टेंडर काल करके ठेका दिया जाता था परंतु इस समय जून के महीने में यह काम किया गया है। यदि मनपा प्रशासन इससे अज्ञान था तो स्थायी समिति क्यों शांत बैठी थी। जबकि स्थायी समिति को यह अधिकार है कि 25 लाख रुपए तक का काम करने के लिए वह सक्षम है वह किसके आदेश की प्रतीक्षा करते रहे। जिस प्रकार से नाला सफाई का काम शहर मे चल रहा है ऐसा लगता है कि नाला तो क्या नाली की भी पूर्ण रूप से सफाई होना संभव नहीं है यदि बरसात में शहर डूबा तो इसका जिम्मेदार मनपा प्रशासन होगा इस प्रकार का आरोप नगरसेवक व पूर्व सभागृह नेता प्रशांत लाड ने लगाया है ।

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