Aman Samachar
ब्रेकिंग न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्र

यह न भूलें कि राकांपा की वजह से नरेश म्हास्के निर्विरोध महापौर बने –  आनंद परांजपे

ठाणे [ युनिस खान ] महापौर नरेश म्हास्के ने कहा कि हमें राकांपा की जरूरत नहीं है।  हालांकि, वह भूल गए हैं कि राकांपा  की वजह से ही वह निर्विरोध मेयर बने हैं। इस आशय की प्रतिक्रिया  राकांपा ठाणे शहर के अध्यक्ष व पूर्व सांसद आनंद परांजपे ने दी है।
मंगलवार को जब आमसभा शुरू हुई तो राकांपा नगर सेवकों ने आंदोलन किया था। उस समय मीडिया से बात करते हुए महापौर नरेश म्हस्के ने कहा था कि उन्हें राकांपा की जरूरत नहीं है। शिवसेना का मनपा में पूर्व बहुमत है और वह दो दशक से अधिक समय से ठाणे मनपा की सत्ता में है। आनंद परांजपे ने कहा कि उस समय शिवसेना नेता, पालकमंत्री  एकनाथ शिंदे ने राकांपा नेता   जितेंद्र आव्हाड को फोन कर बिना किसी आपत्ति के शिवसेना का महापौर बनाने का  अनुरोध किया था। इसके बाद 17 नवंबर 2019 को पालकमंत्री शिंदे व उम्मीदवार के रूप में नरेश म्हस्के तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष मिलिंद पाटिल के कक्ष में आए।  उस वक्त उनके साथ राकांपा गटनेता नजीब मुल्ला और राकांपा नगर सेवक भी मौजूद थे।  उस समय, शिंदे और म्हस्के ने कहा, “राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार बन रही है;  इसलिए ठाणे में महापौर पद का चुनाव बिना किसी आपत्ति के होना चाहिए। उस समय राकांपा ने बड़े मन से चुनाव से नाम वापस ले लिया और बिना किसी आपत्ति के शिवसेना को महापौर पद दे दिया। इसके बाद  21 नवंबर 2019 को नरेश म्हास्के निर्विरोध महापौर बने।  इसलिए हम कह रहे हैं कि विस्मृति ईश्वर द्वारा मानव जाति को दिया गया सबसे बड़ा उपहार है, और म्हस्के शायद 17 नवंबर, 2019 की घटनाओं को भूल गए होंगे।  तो मैं आपको एक बार फिर उसकी याद दिलाता हूं।
राज्य में महाविकास अघाड़ी के रूप में एक साथ काम करने के बावजूद, राकांपा ने ठाणे में सत्ताधारी दल के खिलाफ आंदोलन किया है।  इस बारे में आनंद परांजपे ने कहा कि राकांपा ठाणे मनपा में एक सक्षम विपक्षी पार्टी के तौर पर काम कर रही है।  शिवसेना के शासन में जो भी अराजकता चल रही है।  यह महासभा और ठाणेकर के सामने किया जाना है।  कोविड के कार्यकाल के दौरान मनपा प्रशासन में अफरातफरी मची रही और सरकार के रूप में शिवसेना को उनसे कोई ऐतराज नहीं था।  सत्ताधारी शिवसेना दोहरे मापदंड के साथ काम कर रही है;  शिवसेना द्वारा टीकाकरण, विकास कोष का राजनीतिकरण किया जा रहा है।  कल की आम सभा में जब राकांपा के नगर सेवक बोल रहे थे, तब महापौर के कहने पर सचिव ने आवाज दबा दी।  इसलिए राकांपा के सभी नगर सेवकों ने अपनी आवाज महासभा तक पहुंचाने के लिए नरेंद्र बल्लाल हॉल में प्रवेश किया था।  विकास निधि  को अवरुद्ध करने के लिए महापौर के खिलाफ  भी आंदोलन किया गया था।  जब शिवसेना की शाखाओं से टीकाकरण किया जा रहा था, राकांपा नगर सेवकों ने वैक्सीन की मांग की लेकिन इसे खारिज कर दिया गया।   इसलिए राकांपा एक सक्षम विपक्षी दल के रूप में गलत फैसले का महासभा और ठाणेकर के सामने विरोध करेगी, उन्होंने इस आशय की चेतावनी दी है।

संबंधित पोस्ट

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से ठाणे में स्वच्छता अभियान

Aman Samachar

लाक डाउन में बंद धार्मिक स्थलों व शिक्षा संस्थाओं का बिजली बिल माफ़ कराने की मांग 

Aman Samachar

पाकिस्तान से मछुआरों की रिहाई के लिए केंद्र व राज्य सरकारें विशेष प्रयास करें-  विनोद निकोले

Aman Samachar

शॉपर्स स्टॉप ने “हीरोज फर्स्ट” पहल की शुरुआत की

Aman Samachar

पीएनबी 600 दिनों की एफडी योजना पर पंजाब नैशनल बैंक द्वारा अधिकतम 7.85% प्रति वर्ष ब्याज की पेशकश

Aman Samachar

फनस्कूल लॉन्च किया सीज़न के खास खिलौनों और गेम्स की रेंज

Aman Samachar
error: Content is protected !!