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दिग्गज फिल्म अभिनेता व नेता दिलीप कुमार ने ९८ वर्ष की आयु में ली आखरी सांस

मुंबई [ युनिस खान ] दिग्गज फिल्म अभिनेता व नेता दिलीप कुमार ने 98 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में आखरी सांस ली है .उन्होंने अज बुधवार की सुबह साढ़े सात बजे दुनिया को अलविदा कह दिया . वे लम्बे अरसे से बीमार चल रहे थे . उनके निधन से बालीवुड और देश में शोक की लहर फ़ैल गयी है .

दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का मुंबई खार के हिंदुजा अस्पताल में इलाज चल रहा था .उनका इलाज कर रहे डा पारकर ने उनके निधन की घोषणा किया है . इससे पहले जब वे बीमार होने पर अस्पताल में भर्ती होते थे तो उनके चाहने वाले उनकी तबियत के बारे में जानकारी चाहते थे . कई उनके निधन के बार में खबरे आई लेकिन मौत को मात देकर वे हमेशा अस्पताल से बाहर आते रहे . उनकी पत्नी फिल्म अभिनेत्री सायरा बानो उनके स्वस्थ्य होंने की खबरें देती थी . हर बार उनकी तबियत में सुधार की खबरें मिलती थी लेकिन इस बार उन्होंने हमेशा के लिए दुनिया को अलबिदा कह दिया . दिलीप कुमार ने ज्वार भाटा से अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत कर आने यादगार फ़िल्में देकर उन्होंने अपना एक मुकाम बनाया है जिसमें लिए वे हमेशा याद किये जाते रहेंगे . उन्होंने भारत सरकार ने कई अवार्ड देकर सम्मानित किया है .जिसमे दादासाहेब फाल्के अवार्ड ,पद्म भूषण ,पद्म विभूषण और पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान – ए – इम्तियाज से भी सम्मानित किया गया . वे वर्ष 2000 से राज्यसभा के सदस्य भी रहे .

              दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 में वर्तमान पकिस्तान के पेशावर में हुआ था . बचपन में उनका नाम मोहम्मद युसूफ खान था . उनके पिता लाला गुलाम सरवर फल बेचकर घर परिवार चलाते थे .देश के विभाजन के समय उनका परिवार मुंबई में आकर बस गया . आर्थिक तंगी व पिता के  व्यवसाय में घाटा होने के बाद उन्होंने पुणे की एक कैंटीन में काम किया .उसी दौरान देविका रानी की नजर  फिल्मों में दिलीप कुमार के ऊपर पड़ी उन्होंने दिलीप कुमार को अभिनेता बना दिया .यहीं से दिलीप कुमार का फ़िल्मी सफ़र शुरू हुआ और बड़े अभिनेता बन गए .देविका ने ही मोहम्मद युसूफ खान का नाम दिलीप कुमार रखा .और 25 वर्ष की आयु में दिलीप कुमार देश नंबर वन अभिनेता बन गए .दिलीप कुमार ने 1966 में 44 वर्ष की आयु में अपने से आधी उम्र की अभिनेत्री सायरा बानो से विवाह किया . सायरा बानों की उम्र 22 वर्ष थी .वर्ष 1944 में उनकी पहली फिल्म ज्वार भाटा आई जो ख़ास सफल नहीं हुई . 3 वर्ष बाद 1947 में जुगुनू फिल्म आई जिसने बालीवुड में दिलीप कुमार को बड़ा स्टार बना दिया .इसके बाद एक के बाद एक सुपरहिट फ़िल्में देकर दिलीप कुमार ने अपनी पहचान बनायी . पद्म विभूषण और पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान – ए – इम्तियाज से भी सम्मानित किया गया .

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