भिवंडी [ एम हुसेन ] यूनानी डाॅक्टरों को भी सरकारी विभाग में नियुक्ति व यूनानी उपचार को प्राथमिकता दिए जाने की मांग आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस की ओर से की जार रही है। इसी मुद्दे को लेकर निमा की ओर से भिवंडी में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक अबु आसिम आजमी, विधायक रईस कासम शेख व आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव डाॅ नदीम उस्मानी ने संबोधित करते हुए कहा कि हम तिबबे यूनानी की सुरक्षा व न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि बहुत जल्द यूनानी डाॅक्टरों को भी सरकारी विभाग में निश्चित रूप से स्थान मिलेगा। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि पूर्व सन 1930 में यूनानी ,आयुर्वेद की स्थापना हकीम अजमल खान ने की थी परंतु धीरे धीरे यह दोनों पैथी अलग कर दी गई। यूनानी के साथ सरकार द्वारा भी अन्याय किया गया जो चिंता की बात है। देश भर में 72 यूनानी कालेज संचालित हैं इसकी अपेक्षा केवल दो राज्यों में आयुर्वेद कालेज संचालित है फिर भी यूनानी की उपेक्षा करते हुए सरकार ने एक मंडल की स्थापना करके आयुर्वेदाचार्य को उसका निदेशक नियुक्त किया है जो निंदनीय है। हम यूनानी को न्याय दिलाने के लिए पूर्ण रूप से प्रयासरत हैं जो भविष्य में भी हमारा प्रयास जारी रहेगा ।यूनानी पैथी व उपचार व्यवस्था को बढावा मिले और देश का आम नागरिक यूनानी पैथी से लाभान्वित हो इसलिए सभी यूनानी डाॅक्टरों को पूरे आत्मविश्वास के साथ अच्छी उपचार सुविधा व व्यवस्था का भी निर्माण करना होगा। यदि आप लोग इस प्रकार की सेवा करने में सफल हुए तो परिणामस्वरूप यूनानी पैथी द्वारा उपचार करवाने में देश का आम नागरिक रूचि लेगा। उक्त अवसर पर सपा के भिवंडी महासचिव रियाज आजमी, निमा के भिवंडी जिलाध्यक्ष डाॅ मजहर अंसारी,महासचिव डाॅ राशिद सैय्यद ,डाॅ जावेद शाहजहां ,डाॅ अनवार अंजुम,डाॅ नियाज आजमी,डाॅ इशरत मोमिन, डाॅ नसरीन ,डाॅ अतिया कैस अंसारी,डाॅ अफरोज अंसारी,डाॅ गुलाम रसूल खान, जावेद अंसारी आदि भारी संख्या में यूनानी डाॅक्टर उपस्थित थे।