भिवंडी [ युनिस खान ] राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भिवंडी शहर अध्यक्ष भगवान टावरे के स्थान पर कांग्रेस पार्टी के दो दशक से ज्यादा उपाध्यक्ष व अध्यक्ष रहे शोएब खान गुडडू को भिवंडी शहर अध्यक्ष पद पर नियुक्ति कर भिवंडी की कमान सौंप दिया है। वही पर शोएब खान ने कांग्रेस पार्टी के सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है।
भिवंडी शहर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर शोएब खान गुडडू लगातार 10 वर्षों तक कार्यरत रहे.पिछले वर्ष कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व ने उनके स्थान पर एडवोकेट रशीद ताहिर मोमिन को कार्यावाहक अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर दिया था। जिसके कारण पार्टी के कई पदाधिकारी व नगर सेवकों ने कांग्रेस पार्टी से दूरियाँ बना ली थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शोएब खान के समर्थकों ने मोमिन का जमकर विरोध करते हुए लगभग दो दर्जन से ज्यादा नगर सेवकों ने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को पार्टी व पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। नगर सेविका फरजाना इस्माइल मिर्ची ने नगर सेवक पद से इस्तीफा तत्कालीन मनपा आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया को सौप था। 18 अगस्त को पूर्व शहर अध्यक्ष शोहेब खान गुडडू ने कांग्रेस का हाथ छोड़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गयें। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी केनेता व राज्य के गृह निर्माण मंत्री डा जितेन्द्र आव्हाड ने शोएब खान गुडडू को भिवंडी शहर अध्यक्ष पद पर नियुक्ति पत्र दिया है।
अगले वर्ष भिवंडी निजामपुर शहर मनपा का चुनाव होने वाला है जिसके कारण राजनितिक दल के चुनाव के मद्देनजर अपनी तैयारी में जुट गए हैं वहीँ राजनितिक दलों के इच्छुक उम्मीदवार भी अपनी जमीन तलाश रहे हैं। भिवंडी मनपा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अपना परचम लहराने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है ।
दो दशक के ज्यादा कांग्रेस पार्टी में रहे शोएब खान गुडडू की छवि साफ सुथरी होने के साथ साथ शहर में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। जिसके कारण राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इन्हें भिवंडी शहर की कमान सौंपी है। शोएब खान गुडडू को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का भिवंडी शहर अध्यक्ष बनाऐ जाने पर सोशल मीडिया व नेटवर्किंग साइटों पर फोटो व नियुक्ति पत्र वायरल हो गया। जिसके कारण कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा खेमा जिसमें कई वरिष्ठ पदाधिकारी तथा नगर सेवक शामिल है जो कभी भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकते है। जिससे भिवंडी कांग्रेस पार्टी में पिछले दो दशक पूर्व जैसी हालत पैदा हो सकती है।