ठाणे [ युनिस खान ] सिडको की नई कॉलोनियों का निर्माण करते समय आगामी 25 वर्षों को ध्यान में रखकर योजना बनाई जाए। वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थान, मैदानों और उद्यानों के लिए खुली जगह की समुचित व्यवस्था का ध्यान रखना होगा। इस आशय का उदगार व्यक्त करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि आम आदमी को किफायती आवास उपलब्ध कराते हुए उनके रखरखाव का भी ध्यान होगा।
उपमुख्यमंत्री पवार ने सिडको की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए इस आशय का सुझाव दिया है। गृहनिर्माण मंत्री डा जितेंद्र आव्हाड, सांसद सुनील तटकरे, पूर्व मंत्री शशिकांत शिंदे, मंडलायुक्त विलास पाटिल, ठाणे के जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर, सिडको के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डा संजय मुखर्जी , नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त बिपिन कुमार सिंह, नवी मुंबई मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर , पूर्व सांसद आनंद परांजपे व विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री पवार ने सिडको की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सिडको क्षेत्र का विकास करते हुए कंक्रीट के जंगल नहीं बनाए जाएंगे। मकान बनाते समय उस क्षेत्र में खुली जगह का रख-रखाव करना चाहिए। साथ ही भवन में नागरिकों के चारपहिया और दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराना जरुरी है। राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीति अपनाई है। इसलिए भविष्य में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन आएंगे। इस स्थान पर उनकी चार्जिंग की सुविधा के लिए परियोजना में योजना भी बनाई जानी चाहिए। यह देखा जाना बाकी है कि क्या चल रही परियोजना योजना में कोई सुधार किया जा सकता है। साथ ही, भविष्य की आवासीय परियोजनाओं में उपरोक्त कारकों पर विचार किया जाना चाहिए। पुलिस, सरकारी कर्मचारी, मथाडी कामगारों को भी आवास परियोजनाओं में मकान मिले, जिसके लिए आरक्षण पर विचार किया जाए।
सिडको को शहरों का विकास करते समय आम जनता के मुद्दों पर विचार करने की जरूरत है। साथ ही परियोजना पीड़ितों की समस्याओं को कम किया जाए। बड़े पैमाने पर शहरीकरण की स्थिति में जल आपूर्ति की उचित योजना बनाने की आवश्यकता है। सिडको के स्तर पर जिन सभी मुद्दों का समाधान किया जा सकता है, वे नियमों के अधीन हों और उनके समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर समस्याओं के समाधान के लिए समुचित मदद दी जायेगी।
गृहनिर्माण डा आव्हाड ने ठाणे-कलवा रोड पर ट्रैफिक जाम, सिडको की सीमाओं के भीतर पुराने भवनों के पुनर्विकास में कारपेट एरिया (एफएसआई) की समस्या जैसे मुद्दों को उठाया। सांसद तटकरे ने नैना परियोजना के साथ-साथ स्थानीय लोगों की समस्याएं उठाते हुए ध्यान दिलाने का प्रयास किया।