ठाणे [ युनिस खान ] मनपा क्षेत्र में सड़कों की बदहाली को देखते हुए सड़कों की मरम्मत के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जाए। इसके साथ ही सड़क बनाने की गुणवत्ता का भी ध्यान दिया जाय। भाजपा विधायक व जिलाध्यक्ष निरंजन डावखरे व विधायक संजय केलकर के नेतृत्व में एक प्रति निधिमंडल ने मनपा आयुक्त डा विपिन शर्मा से मिलकर मांग की है। इस बीच भाजपा ने कोर्ट में जनहित याचिका के जरिए गड्ढों से नागरिकों को छुटकारा दिलाने का प्रयास किया है।
ठाणे में मुख्य सड़कों के साथ-साथ शहर की आंतरिक सड़कों की स्थिति भी दयनीय है। ज्यादातर जगहों पर गड्ढों से जान को खतरा हो सकता है। इस साल के मानसून के दौरान, गड्ढों के कारण दो निर्दोष नागरिकों की जान चली गई है। भाजपा नेताओं ने कहा कि हालांकि गड्ढों की मरम्मत के लिए मनपा गंभीर नहीं है, यह दुर्भाग्य की बात है। विधायक डावखरे और विधायक केलकर के नेतृत्व में मनपा आयुक्त से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में भाजपा गटनेता मनोहर डुंबरे, वरिष्ठ नगर सेवक मिलिंद पाटनकर, संजय वाघुले, नारायण पवार, सुनेश जोशी, अर्चना मनेरा और हाउसिंग फेडरेशन के अध्यक्ष सीताराम राणे शामिल थे।
बरसात के दिनों में गड्ढों को भरने के लिए मात्र ढाई करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई थी। मई में शुरू हुई गड्ढों को भरने की टेंडर प्रक्रिया चार माह बाद 16 सितंबर को स्वीकृत हुई थी। एक ठेकेदार ने ३७% कम दर पर निविदा हासिल किया। हालांकि राशि कम होने से काम की गुणवत्ता बनी रहेगी या नहीं इसको लेकर मनपा के अधिकारियों ने कोई एहतियात नहीं बरती है। टेंडर स्वीकृत नहीं होने के कारण कार्यादेश जारी नहीं किया गया था। हालांकि पहले कार्यादेश नहीं मिलने के कारण ठेकेदार द्वारा गड्ढों को भरा जा रहा था। इसलिए मनपा द्वारा गड्ढों की मरम्मत को लेकर गुणवत्ता नियंत्रण नहीं किया गया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि इस गैरजिम्मेदार प्रबंधन के लिए पूरा मनपा प्रशासन जिम्मेदार है।
ठाणे शहर में विभिन्न सड़कों का निरीक्षण करने पर पाया गया कि वर्तमान में केवल पत्थर और रेत डाल कर गड्ढे भरे जा रहे हैं। इसमें डामर का प्रयोग भी नहीं होने कुछ ही समय में फिर गड्ढे हो गए हैं। भाजपा ने ठाणेकर की आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगाते हुए युद्ध स्तर पर गड्ढों को भरने के लिए अभियान चलाने की मांग की है। भाजपा ने यह भी मांग की है कि गुणवत्ता नियंत्रण टीम सड़कों और गड्ढों की मरम्मत का निरीक्षण करे और दोषी ठेकेदारों और अक्षम अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।