मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] कैंसर के मरीजों को समर्पित एक प्रमुख परोपकारी ट्रस्ट, करो ने कुर्ला में अपना दूसरा आशियाना तैयार किया है। शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने करो होम कुर्ला प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण आर्थिक सहयोग दिया है। इससे सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उनका समर्पण नजर आता है।
निम्न आय वाली पृष्ठभूमि से आए किशोरों तथा युवा मरीजों की जरूरतों की पूर्ति करने वाला यह परिसर मुफ्त में रहने की सुविधा उपलब्ध कराता है। इससे इलाज के दौरान मुंबई में उनके रहने के खर्च का बोझ कम होता है। वंचित पृष्ठभूमि से आए कैंसर-मरीजों को संपूर्ण सहायता और मार्गदर्शन देने के उनके मिशन में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
टाटा मेमोरियल सेंटर के डायरेक्टर डॉ. राजेंद्र बडवे ने कल करो होम कुर्ला का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, “कैंसर मरीजों को रहने का ठिकाना उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक है। मरीजों के इलाज के संदर्भ में अस्पताल 50 प्रतिशत जरूरतों को पूरा करता है और बाकी के 50 प्रतिशत की जरूरतें करो होम जैसे घर पूरा कर देते हैं, जहाँ मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों के आराम का ख्याल रखा जाता है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि उन्हें घर में रहने जैसा एहसास मिलता है। मैंने करो होम में ऐसा होते हुए देखा है। कुल मिलाकर मैं कहना चाहता हूँ कि मैं भी करो होम में रहना पसंद करूंगा।“
इलाज के लिए मुंबई आने वाले मरीजों के रहने के ठिकाने की जरूरतों को देखते हुए, करो ट्रस्ट ने 2019 में सायन में महिला मरीजों के लिए करो होम का पहला सेंटर खोला था। इसका उद्देश्य यह था कि किसी को भी सड़क किनारे रहने को मजबूर नहीं होना पड़े या रहने की सुविधा के अभाव में सही उपचार में कोई कमी नहीं रह जाए।
करो की मैनेजिंग ट्रस्टी, उमा मल्होत्रा का कहना है, “करो में हमारा लक्ष्य कैंसर-मरीजों को पूर्ण सहयोग उपलब्ध कराना है। उनकी आर्थिक, मेडिकल, भावनात्मक और आवास की परेशानियों को दूर करना है। कुर्ला में करो होम के खुलने से गरीब घरों से आने वाले किशोरों तथा युवा कैंसर-मरीजों के रहने की परेशानी दूर करने में मदद मिलेगी। इससे उन्हें वह जरूरी देखभाल और सहयोग भी मिलेगा, जिसे पाने का उन्हें हक है।“
कुर्ला तथा सायन में करो होम्स को आर्थिक सहयोग देने में शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने अहम भूमिका निभाई है। इससे सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता नजर आती है।
करो होम कुर्ला में 21 बिस्तर उपलब्ध हैं- हर कमरे में मरीज के साथ दो केयरगिवर्स के रहने की व्यवस्था है। इसके साथ ही पूर्ण रूप से व्यवस्थित किचन के साथ यहाँ ठहरने वालों लिए घर जैसा खाना बनाने के लिए जरूरी राशन भी रखे गए हैं। सामुदायिक भावना लाने के लिए इस होम में एक बड़ी-सी छत और मनोरंजन के लिए भी जगह बनाई गई है। एक साफ, सुरक्षित और स्वच्छ आवास देने के वादे के लिए यह होम कई तरह की काउंसलिंग और थैरेपी सेशन की भी सुविधा देता है, जिससे मरीजों सामान्य स्वास्थ्य बेहतर होगा। इस सेशन में आर्ट एंड क्राफ्ट, म्यूजिक, डांस और व्यक्तिगत काउंसलिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं। मरीजों के लिए अस्पताल आने-जाने के लिए मुफ्त परिवहन की सुविधा भी है ताकि कोई भी अपॉइंटमेंट या उपचार छूट न जाए।
साल 2015 से लेकर अब तक करो ने 500 से भी ज्यादा कैंसर-मरीजों के इलाज में आर्थिक सहायता दी है और सायन में अपने पहले करो होम के माध्यम से 300 से भी ज्यादा परिवारों को रहने की सुविधा उपलब्ध कराई है। करो ने 70 से भी ज्यादा अस्पतालों के साथ काम किया है। साथ ही पिछले 8 वर्षों में देशभर के गरीब परिवारों के बच्चों तथा युवाओं के कैंसर के इलाज के लिए 40 करोड़ से भी ज्यादा धनराशि जुटाई है। वेबलिंक https://www.karo.org.in/new- year-new-home-fundraiser/ के माध्यम से न्यू ईयर, न्यू होम फण्ड संग्रह का लक्ष्य पोषण सम्बन्धी सहायता, अस्पताल आने-जाने के लिए परिवहन, रहवासियों के लिए गतिविधिया, क्लासेज, समारोह और पिकनिक तथा अतिरिक्त करो होम्स ने निर्माण हेतु धन एकत्र करना है।
करो सभी सहयोगियों और शुभचिन्तकों तथा विशेषकर शापूरजी पालोनजी ग्रुप के प्रति आभार व्यक्त करता है और कैंसर से लड़ रहे लोगों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के आपले ध्येय के प्रति सदैव समर्पित रहने का संकल्प दोहराता है।