मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने विभिन्न चुनौतियों का जायजा लेने और राज्य में विभिन्न मंत्रालयों, सिडबी और उसके सहयोगी और सहायक संस्थाओं, एनसीजीटीसी आदि के माध्यम से भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न सहायता कार्यक्रमों के बारे में महत्वपूर्ण पहलुओं पर जानकारी के प्रसार-प्रचार के लिए 11-12 फरवरी को पश्चिम बंगाल का दौरा किया । राज्य की मशीनरी के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया में स्टार्टअप से लेकर क्लस्टर तक उद्यम विकास के हरित पहलुओं पर चर्चा की गई।
उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार के प्रमुख अधिकारियों, एमएसएमई संघों, एसएफबी, एमएसएमई क्षेत्र के लाभार्थियों आदि सहित एमएसएमई हितधारकों से मुलाकात की और अपनी 2 दिन की यात्रा के दौरान, उनके कार्य-स्थलों के भी दौरे किए। कार्यक्षेत्र में व्याप्त स्थितियों से प्रेरित होकर, उन्होंने स्व-सहायता समूहों और अत्पवित्त संस्थाओं के साथ-साथ संबंधित समूहों के उद्यमियों से भी मुलाकात की। उनका मत था कि ऐसे विचार-विमर्श से सम्मुख आने वाले तथ्य सिडबी को पिरामिड के तल पर अवस्थित संस्थाओं के साथ-साथ ऐसे एमएसएमई इकाइयो के लिए भी अनुकूल समाधान की प्रक्रिया को सशक्त बनाते हैं।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए कार्यरत भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक देश के सर्वोच्च वित्तीय संस्थान के रूप में अपने मिशन स्वावलंबन के अंतर्गत सुंदरबन स्थित बैकुंठपुर की महिला उद्यमियों को अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बैकुंठपुर तरुण संघ के सहयोग से एस3 अर्थात सुंदरी स्वावलंबन सारथी नामक कार्यक्रम के अंतर्गत जीवन-निर्वाह से जीविकोपार्जन तक की यात्रा में अपना योगदान कर रहा है। सिडबी “केयर – साइक्लोन एम्फन रीबिल्डिंग एफर्ट्स” परियोजना के अंतर्गत महिलाओं को हस्तशिल्प (सिलाई और सिलाई-कार्य, बोरी या दलहन सामग्री बनाना, अचार और खाद्य-प्रसंस्करण) पर विविध कुटीर उद्यमों को शुरू करने, वैकल्पिक आजीविका की दिशा में चलित-दुकानों पर हरी सब्जियां और किराने का सामान बेचने या गांव में घर-घर कपड़े बेचने की दिशा में सहायता कर रहा है। सिडबी द्वारा प्रदान किया गया यह समर्थन अम्फान चक्रवात के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए परिवारों के बीच आजीविका की बहाली की दिशा में किए जा रहे सार्थक प्रयास के तौर पर है।
मिशन स्वावलंबन के अंतर्गत कार्य-योजना को आगे बढ़ाते हुए, सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने वस्तुतः वैकल्पिक आजीविका से संबंधित मार्ग विकसित करने में महिला उद्यमियों / गृह उद्यमियों को समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से “वेस्ट टू वेल्थ क्रिएशन – मछली के शल्क से कृत्रिम आभूषण और शो पीस बनाना” कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सिडबी, इस प्रयास के अंतर्गत वैकल्पिक आजीविका से सीधे राजस्व उत्पन्न करने में 50 महिलाओं को लाभ प्रदान करेगा। कार्यक्रम के बाद, प्रत्येक महिला द्वारा अपने अर्जित ज्ञान की आवृत्ति और तत्संबंधी ज्ञान के प्रसार के लिए प्रशिक्षक की भूमिका अदा किए जाने की उम्मीद की जाती है। इस अवसर पर सिडबी की सभी महिला उद्यमियों को संबोधित करते हुए, श्री रमण ने कहा कि “सिडबी में हम कारीगरों की दीर्घकालिक सक्रियता के संबंध में सहायता प्रदान करने के लिए मिशन स्वावलंबन के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं। मैं इस क्षेत्र में महिलाओं की अप्रतिम सक्रियता और उत्साह की सराहना करता हूं और कार्यान्वयन एजेंसी से स्थायी बाजार के साथ जुड़ाव की दिशा में भी काम करने का आग्रह करता हूं।