शिमला [ अमन न्यूज नेटवर्क ] एसजेवीएन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर “ सततशील भविष्य के लिए वर्तमान में लैंगिक समानता” की थीम पर सुप्रसिद्ध सफल भारतीय महिलाओं श्रीमती मैरी कॉम विश्व एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियन एवं राज्य सभा सांसद ; तथा श्रीमती अंजु बॉबी जॉर्ज सुप्रसिद्ध भारतीय ओलम्पिक एथलीट की प्रेरक वार्ताओं का शिमला में आयोजन किया । ये वार्ताएं कंपनी के कर्मचारियों के लिए शिमला के निकट आज कुफरी और चायल में आयोजित की गई ।
चायल में वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री नन्द लाल शर्मा ने कहा कि महिलाएं पारंपरिक पूर्वाग्रहों को तोड़कर नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन पूर्वाग्रहों के खिलाफ हमारी लड़ाई में हमारे सामाजिक ताने-बाने में अभी बहुत सुधार किए जाने की जरूरत है। श्री शर्मा ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियन श्रीमती मैरीकॉम तथा एसजेवीएन के निदेशक मंडल में पहली पूर्णकालिक निदेशक श्रीमती गीता कपूर द्वारा इन पूर्वाग्रहों को तोड़ने में किए गए प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा ने हिमाचल रोडवेज परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एकमात्र महिला चालक श्रीमती सीमा ठाकुर को भी सम्मानित किया। उन्होंने आगे कहा कि हमारे समाज में लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए श्रीमती सीमा ठाकुर के जैसे प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने श्रीमती सीमा ठाकुर को एक प्रशस्ति पत्र और 25,000/- रुपये का नकद इनाम भी प्रदान किया।
भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित श्रीमती मैरी कॉम ने अपनी वार्ता के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी के स्तर तक आने के लिए आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया। मैरी कॉम छह बार वर्ल्ड एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतने वाली एकमात्र महिला हैं, पहली सात वर्ल्ड चैंपियनशिप में से प्रत्येक में मेडल जीतने वाली एकमात्र महिला बॉक्सर और आठ वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल जीतने वाली एकमात्र बॉक्सर हैं।
इससे पूर्व, मुख्य अतिथि श्री नन्द लाल शर्मा और श्रीमती मैरी कॉम का स्वागत करते हुए निदेशक (कार्मिक), एसजेवीएन, श्रीमती गीता कपूर कहा कि इस तरह की प्रेरक वार्ता आयोजित करने का उद्देश्य कंपनी के सभी कर्मचारियों खासकर महिला कर्मचारियों में खेल भावना पैदा करना है। इस तरह की वार्ता आयोजित करके एसजेवीएन बिना किसी लैंगिक पूर्वाग्रह के विश्व को एक बेहतर समाज बनाने के लिए लैंगिक समानता के संदेश को प्रसारित करने के वैश्विक मिशन में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।
अपनी प्रेरक वार्ता में कर्मचारियों से बात करते हुए श्रीमती अंजु बॉबी जॉर्ज ने बताया कि कैसे उन्होंने पेरिस में 2003 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीतकर देश के लिए एक नया इतिहास रचा । इस उपलब्धि के साथ, श्रीमती अंजू ने कहा कि वह 6.70 मीटर की छलांग लगाकर विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गई । श्रीमती अंजू जॉर्ज को 2002 में अर्जुन पुरस्कार, 2003 में खेल रत्न और 2004 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।