



मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] जब से रूस और यूक्रेन का युद्ध छिड़ा है, माता अमृतानन्दमयी मठ के स्वयंसेवी पोलैंड, हंगरी और रोमानिया के सैंकड़ों भारतीय छात्रों व अन्य शरणार्थियों की सहायता कर रहे हैं। पोलैंड में वे शरणार्थियों को पोलैंड की राजधानी, वारसॉ, में बसों द्वारा पहुंचा रहे हैं और भारतीय लोगों का भारतीय दूतावास से संपर्क स्थापित करवा रहे हैं।
कड़ाकेदार सर्दी के बावजूद, पोलैंड के स्वयंसेवी बॉर्डर पर डटे हुए हैं और शरणार्थियों को कपड़े, जूते, भोजन, कम्बल और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करा रहे हैं। जिनके पास रहने को जगह नहीं है, उनके लिए वे आवास-सुविधा की भी व्यवस्था कर रहे हैं। ये स्वयंसेवी, युद्ध-क्षेत्रों से लम्बी यात्रा करके,जान बचा कर आने वाले लोगों की सहायतार्थ प्रतिबद्ध हैं।
पोलैंड में माता अमृतानन्दमयी मठ के अनुयायियों की भारी संख्या है और वे अम्मा पोल्स्का(अम्मा पोलैंड) के रूप में एकजुट हो कर, युद्ध-ध्वस्त-क्षेत्र से जान बचा कर आये सभी राष्ट्रीयता के शरणार्थियों की निरन्तर सहायता कर रहे हैं। अम्मा पोल्स्का संघ राहत-कार्यों में स्वयंसेवियों के मार्गदर्शक, मार्सिन क्रोल बताया कि युद्ध से बच कर यूक्रेन से हज़ारों की संख्या में आने वाले लोगों की,यहाँ की गलियों में भीड़ लगी है। पोलैंड में हम अम्मा के बच्चे हैं। इन लोगों की दयनीय दशा देख कर,हमने तुरंत इनकी हर संभव सहायता का निर्णय लिया।
हम लॉड्ज़ नगर के अधिकारीयों व पोलैंड के लॉड्ज़-लोकोपकारी-सहायता-केंद्र के साथ मिल कर कार्य कर रहे हैं। वे भारतीय-मूल तथा अन्य लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए, यूक्रेन के नगरों के अधिकारियों के साथ निरन्तर संपर्क बनाये हैं। जब हमें यूक्रेन से भारतीय छात्रों के पोलैंड की ओर आने का समाचार मिला तो हमने एकदम से सक्रिय हो कर, उनकी सब आवश्यकताओं को पूरा करते हुए,उन्हें वारसॉ तक सुरक्षित पहुँचाया।
मठ की ओर से,यूरोप में कार्यों के संयोजक,स्वामी शुभामृतानन्द पुरी ने कहा कि, “पोलैंड,हंगरी और रोमानिया में अम्मा के स्वयंसेवियों का, सीमा पार कर इन देशों में आये सभी शरणार्थियों एवं छात्रों की सहायतार्थ जो समर्पण है वो सचमुच प्रेरणादायक है।