



ठाणे [ युनिस खान ] छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वयं को आगरा से मुक्त कर एक रैयत राज्य की स्थापना की थी। उन्होंने कभी भी अपने साथियों की पीठ में छुरा नहीं घोंपा। इसलिए, हिंदुत्व और शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपने के बाद मुख्यमंत्री बनने वालों की तुलना महाराष्ट्र के आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज से की जाए तो महाराष्ट्र बर्दाश्त नहीं करेगा। राकांपा ठाणे शहर अध्यक्ष व ठाणे-पालघर जिला समन्वयक आनंद परांजपे ने कहा कि मंगलप्रभात लोढ़ा का जितना विरोध किया जाये कम है।
शिव प्रताप दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए, भाजपा नेता और मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने छत्रपति शिवाजी महाराज से एकनाथ शिंदे की तुलना की। उनके इस बयान को लेकर आनंद परांजपे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। आनंद परांजपे ने कहा कि बीजेपी नेता लगातार पूरे महाराष्ट्र के आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज के ऐतिहासिक महत्व को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। आज भाजपा के मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने आगरा से छत्रपति शिवाजी महाराज को रिहा करने की बात कहकर इस ऐतिहासिक घटना की तुलना मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना से गद्दारी से की गई । मंगलप्रभात लोढ़ा संवैधानिक पद पर होते हुए भी जो बयान दिया है उससे महाराष्ट्र के इतिहास, महाराष्ट्र की संस्कृति, शिव राय के प्रति उनके प्रेम पर मुझे संदेह है।
महाराजा ने आदिलशाही, निजामशाही, मुगल जैसे तीन शासकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और रैयत, हिंदू स्वराज्य की स्थापना की। लेकिन, यह असंवैधानिक मुख्यमंत्री महाराष्ट्र से भाग गया; सूरत गए, सूरत से गुवाहाटी, गुवाहाटी से गोवा और फिर महाराष्ट्र लौटकर मुख्यमंत्री बने। उन्होंने हिंदुत्व की पीठ में छुरा घोंपा; शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपा; महाराष्ट्र ने ऐसे व्यक्ति की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से करने से ज्यादा गंदी राजनीति कभी नहीं देखी। इसलिए मंगलप्रभात लोढ़ा की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है।