ठाणे [ अमन न्यूज नेटवर्क ] राजस्थानी समाज में लोकप्रिय नानी बाई रो मायरो कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित रहकर कथा व भक्ति गीत का आनंद लिया है। पूरे देश में अपना परचम लहराने वाली दस वर्षीय लाडली यति किशोरी पहली बार ठाणे में मायरे का प्रस्तुतीकरण किया जिसकी लोगों में काफी सराहना हो रही है। कार्यक्रम से पूर्व निकाली कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। मायरे की शुरुआत से अंत तक श्रोताओं की भीड़ जमी रही।
इस अवसर पर विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली कई विभूतियों को सम्मान चिन्ह देकर पूर्व न्यायाधीश सुरेश द्वेदी व अपर पुलिस आयुक्त संजय जाधव के हाथो सम्मानित किया गया। इस दौरान एड बी एल शर्मा को ‘शेर – ए – शेखावटी’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। इसी तरह डा मिलिंद पाटील को ‘छत्रपति शिवाजी महाराज पुरस्कार’ , डा सुशील इंदोरिया को ‘विशेष वैद्यकीय सेवा पुरस्कार’ , उमाशंकर रुंगटा को ‘महाराणा प्रताप पुरस्कार’ , अशोक जैन को ‘भामाशाह पुरस्कार’ , चंद्रकांत जजोडिया को ‘उद्योग रत्न पुरस्कार ‘ देकर सम्मानित किया गया। ओमप्रकाश शर्मा की प्रेरणा से आयोजित कार्यक्रम की आयोजन समिति के पदाधिकारी रामचन्द्र तोदी , प्रदीप गोयंका , राजेश हलवाई, वीरेंद्र रुंगटा , महेश बागड़ा , ललित भिंडा , बालमुकुन्द मिश्रा , जनार्दन शर्मा आदि पदाधिकारियों ने विशेष परिश्रम किया।
जय परशुराम सेना व सहयोगी संस्थाओं अग्रोहा विकास ट्रस्ट ठाणे , ब्रह्म फाउंडेशन , श्याम परिवार , वागले इस्टेट , प्रयास फाउंडेशन की ओर से आयोजित दो दिवसीय नानी बाई रो मायरो कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित रहकर कथा व भक्ति गीत का आनंद लिया है। मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित अपर पुलिस आयुक्त जाधव ने आयोजन की सराहना करते हुए समाज को जागरूक करने वाले धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम को युवा पीढ़ी के लिए आवश्यक बताया है। उन्होंने कहा कि दस वर्ष की बच्ची यति किशोरी बहुत अच्छी तरह से कथा पाठ कर रही है उनके कथा पाठ और भक्ति गीत सुनने का हम सबको सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
जय परशुराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में नरसी ने अपना पूरा समय दिया। जब उन्हें मामा के नाते मायरा [ भात ] भरने का समय आया तो उनके पास धन नहीं था। उनकी भक्ति से प्रसन्न भगवान श्रीकृष्ण स्वतः प्रकट होकर मायरा भरे। जब से राजस्थान , गुजरात , उत्तर प्रदेश में यह परम्परा है। आज 51 मायरा लाया गया है 51 पुरुष और महिला मिलकर कर यति किशोरी के समक्ष मायरा भर रहे हैं। इस कार्यक्रम के आयोजन में समाज का अच्छा सहयोग मिला है। कार्यक्रम को सफल बनाने में पंकज जैन , पंकज मखारिया ,जितेन्द्र शर्मा , ऊमा शर्मा , सुमन शर्मा , रंजना गुप्ता , देवी ओझा , ऊषा गर्ग , शारदा रुंगटा, मंजू श्राफ ,रीना शर्मा , सविता इंदोरिया आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।