Aman Samachar
ब्रेकिंग न्यूज़
कारोबारब्रेकिंग न्यूज़

अमृता स्कूल ऑफ आयुर्वेद और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ, आयुष मंत्रालय ने समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर  

मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] अमृता स्कूल ऑफ आयुर्वेद और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ, आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद क्लिनिकल ई-लर्निंग (आयुरसेल एक ऑनलाइन पोर्टल) को बहुरूपी विकसित करने और आयुर्वेद में नैदानिक ​​अध्यनो का संग्रह बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सहयोग चिकित्सकों को मल्टीमीडिया द्वारा व्यवस्थित रूप से समर्थित नैदानिक ​​​​परिणामों की रिपोर्ट करने में मदद करके अभ्यास-आधारित साक्ष्य उत्पन्न करने की सुविधा प्रदान करेगा। समझौता ज्ञापन पर राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की ओर से डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय और अमृता स्कूल ऑफ आयुर्वेद की ओर से स्वामी शंकरामृतानंद पुरी ने हस्ताक्षर किए।
आयुर्वेद क्लिनिकल ई-लर्निंग (आयुरसेल) परियोजना का उद्देश्य डिजिटल रूप में सफल आयुर्वेद चिकित्सकों के नैदानिक ​​अनुभवों को उपलब्ध कराने के लिए एक वेब प्लेटफॉर्म बनाकर इस प्रकार के संग्रह की कमी को पूर्ण करना हैं। यह प्रारूप प्रलेखित मामले के अध्ययन के आधार पर निरंतर नैदानिक ​​अध्यन से जुडी जानकारी विवरण प्रदान करेगा। समझौता ज्ञापन अमृता स्कूल ऑफ आयुर्वेद, केरल और आरएवी (राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ) दोनों संस्थानों के आपसी हित के उद्देश्य से स्थापित किया गया है,  इसके अंतर्गत आरएवी (सीआरएवी) छात्रों के सर्टिफिकेट कोर्स के चयनित क्लिनिकल अध्यन विवरण को उनके संबंधित गुरुओं से उचित सत्यापन के बाद आयुरसेल पोर्टल पर हर महीने के प्रारम्भ में स्क्रीनिंग के लिए प्रस्तुत किया जायेगा। अमृता स्कूल ऑफ आयुर्वेद, केरल अपने चयन मानदंड के अनुसार प्रस्तुत मामलों की जांच करेगा और अध्यन विवरणों का अद्यतन और आगे की कार्रवाई कर विशेषज्ञों द्वारा जांच के बाद पोर्टल में प्रकाशित करेगा। इसके अतिरिक्त, अमृता स्कूल ऑफ आयुर्वेद, केरल मॉडल अध्यन विवरण तैयार करने के लिए आरएवी- गुरुओं और शिष्यों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करेगा। आरएवी आपसी परामर्श और समझौते के बाद ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा। डेटा विनिमय के तौर-तरीके एवं वित्त मामले आपसी परामर्श और समझौते के बाद दोनों संस्थानों द्वारा विकसित और तय किए जा सकतें है।दोनों संस्थान आपसी आधार पर एक दूसरे के नियमों का सम्मान और पालन करेंगे।
डॉ. पी. राममनोह, परियोजना के प्रधान अन्वेषक और अनुसंधान निदेशक, अमृता सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च इन आयुर्वेद (एसीआरए), स्कूल ऑफ आयुर्वेद ने कहा,  ” प्रमाण उत्पन्न करने के लिए पहला कदम नैदानिक अभ्यास से है। AyurCeL चिकित्सकों को मल्टीमीडिया द्वारा व्यवस्थित रूप से समर्थित नैदानिक ​​​​परिणामों की रिपोर्ट करने में मदद करके, अभ्यास-आधारित प्रमाण उत्पन्न करने की सुविधा प्रदान करेगा। AyurCeL चिकित्सकों को उनके क्लिनिकल नोट्स को एक व्यवस्थित दस्तावेज में बदलने में सहायता करता हैं । इस प्रकार, यह संग्रह व्यस्त चिकित्सकों के लिए बहुत मददगार साबित होगा। यह सहयोग राष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेद वर्ग के लिए एक वरदान साबित होगा क्योंकि यह आयुर्वेद में नैदानिक ​अध्यनो के विवरण का संग्रह तैयार करेगा, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसंधान और विकास में बहुरूपी मदद करेगा। AyurCeL पोर्टल सभी प्रकाशनों और रिपोर्टों में आरएवी के योगदान को स्वीकार करेगा जिसमें RAV द्वारा प्रदान किए गए डेटा के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जाती है।

संबंधित पोस्ट

छह लाख रूपये के जेवरात के साथ दो शातिर सेंधमार गिरफ्तार

Aman Samachar

मुंबई के हीरा बाजार समेत कई प्रतिष्ठानों को गुजरात ले जाकर सूरत का बदला लिया जा रहा – डा जितेन्द्र आव्हाड 

Aman Samachar

भीषण गर्मी में पक्षी और प्राणी की प्यास बुझाने के लिए वन क्षेत्र में लगे पानी के 24 हौद 

Aman Samachar

एमएमआरडीए के घर घोटाले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राकांपा ने किया आन्दोलन 

Aman Samachar

पीएनबी, रक्षा पेंशनभोगियों के लिए “रक्षक प्लस योजना” की पेशकश

Aman Samachar

रिश्वत लेते ग्राम पंचायत शाखा अभियंता रंगेहाथो गिरफ्तार.

Aman Samachar
error: Content is protected !!