मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व सांसद डा श्रीकांत शिंदे ने दिखाई झंडी
ठाणे [ युनिस खान ] जिले से हजारों की संख्या में शिवसैनिक आज हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे और जय श्री राम की जय जयकार के साथ अयोध्या के लिए रवाना हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कल्याण के सांसद डा श्रीकांत शिंदे ने विशेष ट्रेन को झंडी दिखाकर अयोध्या के लिए रवाना किया।
चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नाम और पार्टी का आधिकारिक चुनाव चिह्न दिए जाने के बाद उन्होंने ऐलान किया कि वे अपने मंत्रियों, विधायकों और साथियों के साथ अयोध्या के दौरे पर जाएंगे। इस यात्रा के मद्देनजर आज ठाणे जिले के शिवसैनिक भी अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। वे मुख्यमंत्री के साथ रविवार को अयोध्या पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री के साथ रामलला के दर्शन करेंगे।
भगवा ध्वज वाली इस विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “भगवान राम के आशीर्वाद से हमें चुनाव चिन्ह धनुष बाण मिला है और हम सभी भगवान राम का आशीर्वाद लेने के लिए अयोध्या जा रहे हैं। अयोध्या हमारे लिए आस्था का विषय है। इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि दिवंगत हिंदू सम्राट बालासाहेब ठाकरे की इच्छा थी कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, आज यह सपना पूरा हो रहा है। वह वहां मंदिर निर्माण देखने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कैबिनेट में साथी मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और शिवसैनिकों के साथ सभी रामलला के दर्शन करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर मंदिर बनाने के अपने संकल्प को पूरा किया है। उन्होंने कहा है कि वे सभी हिंदू भाइयों की ओर से उनके आभारी हैं यह गर्व का विषय है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अयोध्या के इस दौरे के दौरान वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा हालांकि पिछली बार कई लोग अयोध्या जाना चाहते थे, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका, इसलिए इस बार इस यात्रा को लेकर सभी शिवसैनिकों में काफी उत्साह और खुशी का माहौल है।
इस मौके पर कल्याण के सांसद डा श्रीकांत शिंदे, पूर्व विधायक रवींद्र फाठक, नवी मुंबई मनपा के पूर्व विरोधी पक्षनेता विजय चौगुले, ठाणे जिला महिला प्रमुख मीनाक्षी शिंदे, कल्याण जिला प्रमुख गोपाल लांडगे, शिवसेना प्रवक्ता राहुल लोंढे सहित ठाणे जिले से शिवसेना के सभी प्रमुख पदाधिकारी व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।