ठाणे [ इमरान खान ] कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नागरिकों और निजी डॉक्टरों को गंभीरता से समझाने में मनपा के स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारा पहला कर्तव्य रोगी की अच्छी देखभाल करना और हर संभावित कोविड मृत्यु को रोकना है। मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर ने सुझाव दिया है कि इसमें किसी प्रकार की कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए।
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मनपा आयुक्त बांगर ने मनपा के सभी चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक की। उन्होंने इसमें मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए दिशा-निर्देश दिए। साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ने पर योजना कैसे बनाई जाए, इस पर भी मार्गदर्शन दिया। बैठक में समस्त चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों सहित उपायुक्त मनीष जोशी, उप चिकित्सा अधिकारी डा स्मिता हमरजकर, डा प्रसाद पाटिल, डा दीपा भंजन और डा मनीष उबाले मौजूद थे।
आयुक्त बांगर ने नागरिक स्वास्थ्य केंद्र एवं छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का कोरोना टेस्ट कराने का आदेश दिया। जैसे-जैसे टेस्टिंग की संख्या बढ़ेगी, हम कोरोना के प्रसार का अनुमान लगा सकेंगे। इसके अनुसार स्वास्थ्य व्यवस्था को तैयार रखा जा सकता है। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक आनंदनगर, कलवा, गांधीनगर इलाके में मरीजों की संख्या ज्यादा है। ऐसे क्षेत्रों में अधिक सतर्क रहना होगा।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को स्वास्थ्य केंद्र में कर्मचारियों के कार्य की योजना बनाने का पूर्ण अधिकार है। हम आवश्यकतानुसार ऑनलाइन मीटिंग के माध्यम से संपर्क में रहेंगे। कोरोना के दौरान किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाए, इसका सभी को ध्यान रखना चाहिए।
परीक्षण टीम की जिम्मेदारियों को परिभाषित किया जाना चाहिए। जांच किसने कराई, किसने रिकॉर्ड बनाया, फॉलोअप क्या हुआ, इसकी पूरी जानकारी समय-समय पर संबंधित को मिलनी चाहिए। साथ ही, हमें नागरिकों, रोगियों और निजी डॉक्टरों से बात करते समय विनम्र होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि कोरोना संक्रमित मरीज एंबुलेंस से ही अस्पताल जाएंगे। कोविड को हल्के में लेने से काम नहीं चलेगा। साथ ही लोगों में डर का माहौल बनाने की जरूरत नहीं है।