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क्लस्टर योजना लागू करते समय 170 एकड़ दस हिस्सों में क्रियान्वित की जाए – डा जितेन्द्र आव्हाड

ठाणे [ इमरान खान ] करीब 170 एकड़ जमीन में क्लस्टर विकास योजना लागू  करना संभव नहीं है।  इसलिए राकांपा नेता व पूर्व मंत्री डा जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि क्लस्टर योजना को लागू करते समय शांति से सोचना चाहिए ,हम गरीबों का कल्याण चाहते हैं।  अगर यह आपके अपने हाथों से किया जाता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।  हम लोगों की भलाई के लिए राजनीति में आए हैं।  इसलिए मन को थोड़ा बड़ापन दिखाएं, ताकि गरीबों का भला हो।

        राकांपा की ओर से नि:शुल्क प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम सेंट लॉरेंस हाई स्कूल डीसोजावाड़ी में आयोजित किया गया। इस मौके पर पत्रकारों से विधायक आव्हाड बातचीत कर रहे थे।इस मौके पर राकांपा ठाणे जिलाध्यक्ष आनंद परांजपे मौजूद रहे। डा आव्हाड ने आगे कहा कि क्लस्टर विकास के लिए आप और कितने साल इंतजार करेंगे?  हमने सबसे पहले मांग की थी कि हमें क्लस्टर चाहिए।  क्लस्टर को राज्य सरकार ने ही मंजूरी दी थी।  लेकिन, वर्तमान में ऐसी तस्वीर है कि क्लस्टर के नाम पर कुछ लोग अपने घरों को भरने का काम कर रहे हैं ऐसा इरादा नहीं था। जो छोटे-छोटे घरों में रहते हैं, जिनके घर खतरनाक हो गए हैं।  हम क्लस्टर इसलिए लाए हैं ताकि उन्हें सुरक्षित और पक्का मकान मिल सके।  175 एकड़ में क्लस्टर योजना लागू करना संभव नहीं है। यदि दस हजार मीटर पर क्लस्टर योजना लागू होती है तो यह शत प्रतिशत पूर्ण होगी।  जो शुरू में क्लस्टर पर तय किया गया था;  जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी हमारे साथ थे।  उस समय दस हजार वर्ग मीटर के भूखंड पर क्लस्टर योजना लागू करने का निर्णय लिया गया था। अब दो सौ एकड़ में क्लस्टर लागू का निर्णय लिया गया है।  इतने बड़े प्लॉट पर इस योजना को अमली जामा पहनाना संभव नहीं है।  जिसका उदाहरण हैं रुस्तमजी! उनके पास 122 एकड़ जमीन है।  पिछले 22 वर्षों में, उन्होंने केवल सात इमारत पूरे किए हैं। तो यहां कितनी इमारतें और किस अवधि में बनेंगी?  सड़कें, सीवेज, पानी की आपूर्ति यह सब कैसे होगी?

     इतने बड़े भूखंड पर योजना लागू करने का निर्णय लिया गया तो आज यहां रहने वाली चौथी पीढ़ी को अपना पहला फ्लैट मिलेगा।  आज की पीढ़ी फ्लैट में नहीं रह पाएगी।  ऐसा करते समय, SRA योजना बहुत महत्वाकांक्षी है और अधिक गतिशील है।  लेकिन, यह योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई।  झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों का अगर घर का सपना हो रहा है तो होने दो। इस योजना को लागू करते समय 170 एकड़ के स्थान पर इसे दस भागों में बांट दिया जाए।  क्योंकि, कई बिल्डर 170 की जगह 17 एकड़ के लिए तैयार हो जाएंगे।  इसलिए हम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अनुरोध करते हैं कि क्लस्टर लागू करते समय शांति से विचार करें।  हम गरीबों का कल्याण चाहते हैं।  अगर यह आपके अपने हाथों से किया जाता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।

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