मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] अग्रणी ग्लोबल कंज़्यूमर फ़ाइनैंस प्रोवाइडर की स्थानीय शाखा, ‘होम क्रेडिट इंडिया’ ने मंगलवार को अपना वार्षिक कार्यक्रम “भारत कैसे उधार लेता है-सर्वेक्षण 2023” लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य लगातार विकसित हो रहे कंज़्यूमर के उधार लेने से जुड़े व्यवहार को समझना है। 2021 के बाद से, उधार लेने का चलन घर चलाने से लेकर स्मार्टफ़ोन और घरेलू उपकरणों (2023 में 44%) जैसे कंज़्यूमर ड्यूरेबल ख़रीदने में बदल गया था। हालाँकि कंज़्यूमर ड्यूरेबल लोन में 9% की कमी आई, लेकिन बिज़नेस से संबंधित उधार में 5% की बढ़ोतरी हुई यानी इसकी वजह से कुल 19% मध्यम वर्ग ने एक नए बिज़नेस का विस्तार करने या शुरू करने के लिए उधार लिया।
अध्ययन में ज़्यादातर उधार लेने वाले ऑनलाइन काम करना पसंद करते हैं, 48% अपनी व्यक्तिगत ख़रीदारी के लिए ऑनलाइन ख़रीदारी पर भरोसा करते हैं। इनमें से 44% उधार लेने वाले फ़ाइनैंशियल ट्रैंज़ेक्शन के लिए ऑनलाइन बैंकिंग पर भरोसा करते हैं। हर दिन के फ़ाइनैंशियल अपडेट के लिए आधे से ज़्यादा लोगों (54%) के लिए मोबाइल बैंकिंग आसान है। एक और प्रमुख आकर्षण फ़ाइनैंशियल सर्विसेस के डिजिटलाइज़ेशन की बढ़ती स्वीकृति है। HIB 2023 के अनुसार, एक-चौथाई से ज़्यादा उधार लेने वाले लोगों ने लोन लेने के लिए ऑनलाइन चैनल का विकल्प चुना। टेली कॉलिंग के ज़रिए शुरू किए गए लोन में 3% की वृद्धि हुई (2022 में 16% से 2023 में 19%), जबकि POS/ बैंक शाखाओं के ज़रिए लोन में 4% की गिरावट देखी गई (56% से 51%)।
डिजिटल ट्रांज़िशन के अनुरूप, आधे से ज़्यादा उधार लेने वाले (51%) POS/ बैंकों के साथ किसी भी आमने-सामने की बातचीत के बिना मोबाइल ऐप पर भविष्य के अपने सारे लोन आवेदन पूरा करने में दिलचस्पी रखते हैं। ऑनलाइन लोन माध्यमों के लिए वरीयता मुख्य रूप से छोटे शहर के युवा और आकांक्षी उधार लेने वालों को मिली है, जिसमें देहरादून 61%, लुधियाना 59%, अहमदाबाद 56% और चंडीगढ़ 52% जैसे शहर शामिल हैं। एम्बेडेड फ़ाइनैंस ने हाल के वर्षों में 50% उधार देने वालों के साथ ई-शॉपिंग के दौरान इसे अपनाया है। हालाँकि, BNPL और PPI प्रोडक्ट्स पर कड़े RBI नियमों के कारण उधार देने वालों के बीच प्रोडक्ट्स की वृद्धि 2022 से 10% कम हो गई है। इसे प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि यह उधार लेने की प्रक्रिया को तेज़ बनाता है और ई-कॉमर्स शॉपिंग को आसान बनाता है। दृढ़ विश्वास और तेज़ी-से डिस्बर्सल के कारण क्रेडिट लेने के लिए EMI कार्ड (49%) सबसे पसंदीदा माध्यम बने हुए हैं।
कंज़्यूमर अध्ययन पर बोलते हुए, होम क्रेडिट इंडिया के मुख्य मार्केटिंग ऑफ़िसर, आशीष तिवारी ने कहा, “होम क्रेडिट इंडिया में, हम फ़ाइनैंशियल साक्षरता को बढ़ावा देने और व्यक्तियों को सूचित विकल्प बनाने के उद्देश्य से सशक्त बनाने के लिए समर्पित हैं। सर्वेक्षण न सिर्फ़ आज के उधार लेने वालों की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालता है, बल्कि डेटा गोपनीयता के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता की ज़रूरत पर भी ज़ोर देता है। जैसा कि हम इस डिजिटल युग में ध्यान से देखते हैं, होम क्रेडिट सभी के लिए एक ज़िम्मेदार और समावेशी वित्तीय भविष्य सुनिश्चित करते हुए, भरोसेमंद, पारदर्शी और सुलभ फ़ाइनैंशियल समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है।”