ठाणे [ अमन न्यूज नेटवर्क ] विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाह नरेंद्र चितले के निर्देश पर भाजपा नेता ओमप्रकाश शर्मा ने ठाणे में राम जन्मभूमि के सन्दर्भ में श्रीराम , लक्ष्मण , सीता और हनुमान जी की झांकी निकालकर वर्ष 1988 में जनजागरण कर लोगों में चेतना जगाने का कार्य किया। इस झांकी में के पी मिश्रा , रामप्यारे दूबे , भूरमल जैन , कापुर बावड़ी निवासी आदि शामिल रहे।
उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार होने के चलते कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था थी। इसके बावजूद पहली बार 1990 में कार सेवा के लिए अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ जाने के दौरान झांसी रेलवे स्टेशन पर उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वे अपने 36 साथियों के साथ 22 दिनों तक जालौन जिले की रामपुरा में बनी अस्थाई जेल में रहे। शर्मा ने बताया की 1990 की करसेवा में मेरे साथ विश्वनाथ पाटील , डा सुधाकर पाटील व अन्य विक्रमगढ़ के वनवासी क्षेत्र से कारसेवक शामिल थे। 22 दिन जेल रखने के बाद से रोडवेज की 35 बस से मध्य प्रदेश के मोहना में छोड़ा।
दूसरी बार 5 दिसंबर 1992 की रात फैजाबाद पहुंचे। सुबह फैजाबाद से 13 किमी पैदल चलकर अयोध्या पहुंचे। वहां बताया गया कि कई दिनों से करीब 10 लाख लोग अयोध्या राम जन्मभूमि की कार सेवा के लिए पहुंचे हैं। उस समय उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी। शर्मा और उनके साथियों को विद्युत् विभाग के कार्यालय में रुकाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के गाँव से 23 कार सेवक अयोध्या आये थे। शर्मा ने कहा कि वर्ष 1528 से 2020 तक 492 वर्षों तक चले विवाद 5 अगस्त 2020 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद राममंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे देशवासियों में ख़ुशी का माहौल है। अब अयोध्या में नागरिकों को भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम के दर्शन का अवसर मिल गया है। शर्मा ने बताया कि जिन्होंने 1988 से 1992 तक राम जन्मभूमि आंदोलन और कारसेवा में शामिल रहे उनमें से अधिकांश आज जीवित नहीं है ,आज हम उन्हें भी याद कर रहे हैं।