ठाणे [ युनिस खान ] मनपा के कोविड अस्पताल में तीन बोगस डाक्टरों की भर्ती किये जाने का मामला सामने आने पर भाजपा शहर अध्यक्ष व एमएलसी एड. निरंजन डावखरे ने सवाल उठाते हुए जिम्मेदार अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग किया है . उन्होंने कहा है कि बोगस डाक्टरों के चलते मरीजों की जान जाने की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है .
ठाणे मनपा के कोविड अस्पताल में 3 बोगस डाक्टर भर्ती कर उनकी सेवा लेने का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है . मनपा के बालकुम स्थित कोविड अस्पताल में इंटर्नशिप पूरा न करने वाले 2 व एक मेडिकल छात्र को एमबीबीएस डाक्टर के रूप में भर्ती किया गया . इसमें 2 डाक्टर आयसीयु कक्ष में मरीजों को उपचार के लिए लगाया गया . आरोग्य व कोरोना जैसे अतिसंवेदलशील विषय में इतनी बड़ी लापरवाही किए जाने का मुद्दा सामने आने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है . इस मुद्दे पर कहा जा रहा है कि ठेकेदार की ओर से भर्ती में गड़बड़ी हुई है . इसके बाद मनपा के जिम्मेदार अधिकारी आँखे बंद कर कैसे उन्हें अस्पताल में जिम्मेदारी दे दी यह गंभीर समस्या है . एड. डावखरे ने इतने बडी लापरवाही करने वाली ठेकेदार कंपनी व जिम्मेदार अधिकारीयों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग किया है . उन्होंने कहा है कि बोगस डाक्टरों ने किन किन मरीजों का उपचार किया उनकी मौजूदा स्थिति क्या है इसकी भी जांच की जानी चाहिए .उस डाक्टरों के उपचार की अवधि में कितने मरीजों की म्रत्यु हुई है उसकी भी जांच होना चाहिए . एमएलसी डावखरे ने कहा कि ठाणे मनपा में डाक्टरों की नियुक्ति में असंवेदनशीलता कोई नयी बात नहीं है . इसके पहले मुंबई की अस्पताल की ओर से अपराध दर्ज होने के बावजूद एक बोगस डाक्टर को मनपा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में भर्ती की गयी थी . उस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं किये जाने की बात एड . डावखरे ने कहा है . उन्होंने कहा है कि कोविड अस्पताल शुरू करने का श्रेय लेने वाली मनपा में सत्ताधारी शिवसेना को इसकी भी जिम्मेदारी लेन चाहिए . उन्होंने कहा है की अस्पताल से मरीज के गायब होने व लाश के बदलने , महिला मरीज का विनयभंग करने जैसी घटनाएं सामने आ चुकी है . गरीब मरीजों के स्वास्थ्य से मनपा की सत्ताधारी दल की ओर से खिलवाड़ किये जाने की सच्चाई सामने आ गयी है .