मुंबई [ ए एस टीम ] महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता प्रोफेसर जावेद खान का आज आकस्मिक निधन हो गया है उनके निधन पर लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया गया है।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रवक्ता इकबाल सिद्दीकी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि प्रोफेसर जावेद खान कुछ दिनों से बीमार थे आज सुबह उनका निधन हो गया। इकबाल ने कहा कि प्रोफेसर जावेद खान का आकस्मिक निधन होने से कांग्रेस ने एक वरिष्ठ नेता खो दिया दिया जिसकी भरपाई असंभव है। वे इमानदार ,सरल स्वभाव ,मिलनसार व्यक्तित्व के घनी थे। उत्तर भारतीय व मुस्लिम समाज में अपनी अच्छी पकड़ रखने साथ सभी धर्म व समाज के लोगों में लोकप्रिय रहे हैं। मंत्री के रूप में उनका प्रयास रहा है कि उनके द्वारा लोगों का भला हो सके। प्रोफेसर जावेद खान को हमेशा एक शिक्षाविद और शानदार जननेता के रूप में याद किया जाएगा । जावेद खान शिक्षा मंत्री रहते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उर्दू स्कूलों के लिए जो कार्य किया था वह ऐतिहासिक रहा है । उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में ईमानदारी और विकास के काम की मिसाल पेश किये हैं । प्रो जावेद खान 1985 से 1995 तक विधायक रहे है और शिक्षा मंत्री के साथ श्रम मंत्रालय एवं नगर विकास मंत्रालय में भी मंत्री रहे । इसके अलावा भोपाल रेलवे बोर्ड के चेयरमैन , सिडको के चेयरमैन भी रहे । शिक्षा के क्षेत्र में ओरियंटल एज्यूकेशन सोसाइटी के माध्यम से 5 कॉलेज का संचालन कर रहे थे जहां पर फार्मेसी, बीएड डीएड , एमबीए के छात्रों को शिक्षा दी जा रही है।
प्रोफेसर जावेद खान को हमेशा एक शिक्षाविद और शानदार जननेता के रूप में याद किया जाएगा । जावेद खान शिक्षा मंत्री रहते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उर्दू स्कूलों के लिए जो कार्य किया था वह ऐतिहासिक रहा है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में ईमानदारी और विकास के काम की मिसाल पेश किये हैं। प्रो जावेद खान 1985 से 1995 तक विधायक रहे है और शिक्षा मंत्री के साथ श्रम मंत्रालय एवं नगर विकास मंत्रालय में भी मंत्री रहे । इसके अलावा भोपाल रेलवे बोर्ड के चेयरमैन , सिडको के चेयरमैन भी रहे । शिक्षा के क्षेत्र में ओरियंटल एज्यूकेशन सोसाइटी के माध्यम से 5 कॉलेज का संचालन कर रहे थे जहां पर फार्मेसी, बीएड डीएड , एमबीए के छात्रों को शिक्षा दी जा रही है।
प्रोफेसर जावेद खान को हमेशा एक शिक्षाविद और शानदार जननेता के रूप में याद किया जाएगा । जावेद खान शिक्षा मंत्री रहते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उर्दू स्कूलों के लिए जो कार्य किया था वह ऐतिहासिक रहा है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में ईमानदारी और विकास के काम की मिसाल पेश किये हैं। प्रो जावेद खान 1985 से 1995 तक विधायक रहे है और शिक्षा मंत्री के साथ श्रम मंत्रालय एवं नगर विकास मंत्रालय में भी मंत्री रहे । इसके अलावा भोपाल रेलवे बोर्ड के चेयरमैन , सिडको के चेयरमैन भी रहे । शिक्षा के क्षेत्र में ओरियंटल एज्यूकेशन सोसाइटी के माध्यम से 5 कॉलेज का संचालन कर रहे थे जहां पर फार्मेसी, बीएड डीएड , एमबीए के छात्रों को शिक्षा दी जा रही है।
प्रो जावेद खान के बड़े बेटे नदीम जावेद उत्तर प्रदेश के जौनपुर सदर विधानसभा से 2012 से 17 तक विधायक रहे इस समय कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन हैं। पूर्व मंत्री जावेद खान को मुम्बई के शांताक्रूज़ कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया है। क़ब्रिस्तान में दफ़नाने के वक़्त जावेद खान के बड़े बेटे कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन नदीम जावेद, मुंबई अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन नगरसेवक हाजी बब्बू खान , अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय सचिव फरहान आज़मी , नासिर जमाल , निज़ामुद्दीन राईन ,मुदस्सर पटेल, साबिर शेख ,डॉक्टर मिर्ज़ा ओबैदुल्लाह, फ़ाज़िल अंसारी , अनीस क़ुरैशी , विकास तांबे और परिवार के अन्य लोग उपस्थित थे।