ठाणे [ युनिस खान ] कर्नाटक में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले की अवमानना करने का एक वीडियो शुक्रवार रात वायरल हो गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने चौंकाने वाला बयान दिया था कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अपमान एक मामूली मामला है। इसके विरोध में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। राकांपा कार्यकर्ताओं ने शिवाजी महाराज के पुतले का दूध से अभिषेक कर अभिनन्दन किया और कर्नाटक के मुख्यमंत्री की प्रतिमा की चप्पलों से पिटाई कर निषेध व्यक्त किया है।
राज्य के गृहनिर्माण मंत्री व राकांपा नेता डा जितेन्द्र आव्हाड के निर्देश व शहर राकांपा अध्यक्ष आनंद परांजपे के मार्गदर्शन में राकांपा कार्यकर्ताओं ने घटना निषेध करते हुए आन्दोलन किया। इस मौके पर राकांपा के शहर महासचिव प्रभाकर सावंत ने बेंगलुरु में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले की अवमानना किये जाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु का उदय शाहजी राजे के कारण हुआ था। उन्होंने मांग की कि केंद्र और कर्नाटक सरकार इस पर गंभीरता से संज्ञान लें और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के शहर अध्यक्ष मुफ्ती सैयद अशरफ ने कहा कि नरेंद्र मोदी छत्रपति के नाम से सत्ता में आए हैं। उन्हीं की पार्टी बीजेपी राज्य में ये हरकत की गयी है। हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं। हम छत्रपति शिवाजी महाराज को देवता मानते हैं। उन्होंने दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
इस आंदोलन में महिला शहर अध्यक्ष सुजाता घग, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेखाताई पाटिल, महासचिव रवींद्र पालव, सदस्य नितिन पाटिल, कैलाश हवेल, मुफ्ती अशरफ, विनोद उटेकर, दिलीप नाईक , अजीत सावंत, संजीव दत्ता, शिवकालू सिंह, असद चाउस , नारायण उतेकर, हुसैन मनियार, विक्रांत घाग, महेंद्र पवार, समीर पेंधारे, अजय सकपाल, रत्नेश दुबे, नीलेश फड़तरे, शंकर पावने, हिरेन पांचाल, दिनेश सोनकांबले, रोहित आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।