ठाणे [ युनिस खान ] बिहार से रोजीरोटी कमाने महाराष्ट्र आकर श्री रामलोचन प्रसाद सिंह ने महाराष्ट्र को अपनी कर्मस्थली बना लिया . उन्होंने छोटी से सुरक्षा रक्षक की नौकरी शुरू किया लेकिन वे यहीं नहीं रुके . सुरक्षा रक्षकों के साथ होने वाले शोषण को रोकने की लड़ाई लड़ने के लिए यूनियन से जुड़े . लम्बे संघर्ष के बाद उन्होंने खुद नौकरी करते हुए दूसरों को रोजगार देने और अपने परिवार के अच्छे तरीके पालन पोषण को शिक्षा का प्रबंध करने के उद्देश्य से सुरक्षा रक्षक एजेंसी शुरू किया . कम समय में अधिक तरक्की कर सैकड़ों बेरोजगार लोगों को रोजगार देने का काम किया .आज उनके द्वारा स्थापित सुरक्षा रक्षक एजेंसी बी एस एस सिक्युरिटी सर्विसेस और एल एंड आर प्रापर्टीज इन दोनों फर्म से सैकड़ों लोगों की रोजी रोटी चल रही है . उनके चार पुत्रों में धनंजय सिंह सामाजिक राजनितिक गतिविधियों में सक्रीय हैं . रूद्र फ़ौंडेशन , महाराणा प्रताप राजपूत महासंघ ,जय फ़ौंडेशन के माध्यम से रामाजिक कार्य कर कर रहे हैं . छठ पूजा के दौरान छठ व्रतियों व भक्तों की सुविधा के लिए आवश्यक सुविधा मुहैया कराने के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर ठाणे में छठ पूजा के कार्यक्रम को विशेष पहचान दिलाने का प्रयास किया . नागरिकों की सुरक्षा में दिन रात मुस्तैद रहने वाली स्थानीय पुलिस , यातायात को रेनकोट मुहैया करने का कार्य किया . कोरोना के लाक डाउन के दौरान गरीब जरूरतमंद लोगों को राशन व जीवन आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया . अनेक मजबूर लोगों को गाँव जाने के लिए अपनी संस्थाओं के माध्यम से खर्च का प्रबंध किया . कोरोना काल में लोगों की सेवा करते हुए खुद संक्रमित हो गए . अपनी जान की परवाह न कर सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते लोगों की सेवा कर रहे थे .अंत में धनंजय सिंह ने कोरोना संक्रमित हुए अपने पिताश्री रामलोचन प्रसाद सिंह को खो दिया . इसके बावजूद समाजसेवा में जुटे है .धनंजय सिंह अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए अयोध्या में बनने वाली राममंदिर के निर्माण के लिए 1 लाख 11 हजार रूपये की निधि दी है .