ठाणे [ युनिस खान ] कोरोना की आरटीपीसीआर जाँच की रिपोर्ट आने में तीन दिन का समय लगता है। प्राथमिक लक्षण दिखने पर लोग निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती होते है लेकिन उन्हें आवश्यक होने पर रेमडेसीविर इंजेक्शन नहीं मिलता है। इस आशय का हवाला देते हुए महापौर नरेश म्हस्के ने सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों को भी रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने की जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर से मांग की है।
ठाणे मनपा क्षेत्र में मनपा अस्पताल व कोविड सेंटर के आलावा कुल 40 निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल की मान्यता दी है। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी सूची में मात्र 16 अस्पतालों को शामिल किया गया है। महापौर म्हस्के ने कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों की सुविधा के मद्देनजर मनपा सभी कोविड अस्पतालों को सूची में शामिल किया जाय। जिन निजी अस्पतालों को मनपा ने कोविड अस्पताल घोषित किया ऐसी अस्पतालों को जिलाधिकारी कार्यालय की सूची में समाविष्ट कर उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराया जाय। उन्होंने कहा है कि संदिग्ध व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं इसकी जानकारी क लिए पहले एंटीजन टेस्ट किया जाता है जिसकी रिपोर्ट कुछ मिनटों में आती है। टेस्ट निगेटिव आया और लक्षण होने पर आरटीपीसीआर जांच की जाती है। बड़ी संख्या में जांच किये जाने कारण इसकी रिपोर्ट दो तीन दिन में आती है। ऐसे मरीजों के पास कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट न होने के कारण उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाता है।कोरोना का लक्षण होने से डाक्टर अशिकंश समय एचआरसीटी जाँच की सलाह देते हैं। इसमें फेफड़े में इन्फेक्शन होने पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की अत्यंत आवश्यकता होती है। जिनी अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध होने से योग्य उपचार में विलंब होता है और मरीज को योग्य उपचार समय पर नहीं मिल पाने मरीज की मृत्यु होने की आशंका रहती है। महापौर म्हस्के ने कहा है कि कोविड अस्पताल नान कोविड अस्पताल को रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता देखते हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया करा जाए।