



मुंबई [ युनिस खान ] राज्य में नवजात बच्चों की श्रवण शक्ति की जांच के लिए मोबाईल यूनिट का उपयोग करने का प्रयोगीक आधार पर प्रकल्प पुणे ,गडचिरोली व जालना में शुरू करें . इस आशय का निर्देश आरोग्य मंत्री राजेश टोपे ने दिया है . मंत्रालय में हुई बैठक में बोलते हुए आरोग्य मंत्री टोपे ने कहा प्रकल्प की संकल्पना सांसद सुप्रिया सुले की है . जिसका यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान के अपांग हक़ विकास मंच के राज्य संगठक अभिजीत राउत ने प्रस्तुतीकरण किया है .आरोग्य विभाग की सचिव श्रीमती केरीकट्टा ,आयुक्त डा रामास्वामी ,संचालक डा साधना तायडे , अपंग हक़ विकास मंच के राज्य समन्वयक विजय कान्येकर आदि उपस्थित थे . इस अवसर पर नवजात बच्चों में सुनने की जांच ऑटोकास्टिक इमिशन पद्धति से जांच कार्यक्रम शुरू करने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की गयी .बहिरापन रोकने के राष्ट्रीय कार्यक्रम राज्य में 16 स्थानों में शुरू किया जा रहा है उसे पूरे राज्य में बढ़ाने की सूचना आरोग्य मंत्री टोपे ने दिया है .बच्चों में श्रवण शक्ति संबंधी समस्या की शीघ्र जांच कर श्रवण दोष दिखाई देने पर आवश्यक उपचार कर उसे मात दिया जा सकता है .जिसके लिए बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह कार्यक्रम चलाना महत्वपूर्ण है . उन्होंने कहा कि राज्य में श्रवण व भाषा संबंधी दिव्यांग की संख्या 92 हजार के करीब है .इसमें 51 फीसदी ग्रामीण व 49 फीसदी शहरी इलाके में हैं .प्राथमिक स्तर पर जांच कर कान के बहिरापन को टाला जा सकेगा . शीघ्र ही निदान व उपचार पद्धति के अनुसार कार्यक्रम तैयार किया जाए .मोबाईल यूनिट से प्राथमिक आरोग्य केंद्र के स्थानों में जाकर नवजात बच्चों की जांच किया जा सकेगा .इसके लिए मोबाईल यूनिट का उपयोग करने का प्रायोगिक आधार पर प्रकल्प पुणे , गडचिरोली व जालना में शुरू करने का निर्देश आरोग्य मंत्री टोपे ने दिया है .