भिवंडी [ युनिस खान ] राज्य के अति संवेदनशील शहर के रूप में अंकित भिवंडी शहर में दिन प्रतिदिन बढ़ते आपराधिक ग्राफ सहित स्थानीय जनता की पुलिस से संबंधित समस्यायों के समुचित निदान और निपटान के मद्देनजर इन दिनों भिवंडी में बतौर पुलिस उपायुक्त आईपीएस कैडर की तैनाती की मांग जोर पकड़ती जा रही है। जिसके लिए बकायदा सीनियर सिटीजन मुनीर अहमद मोमिन की पहल पर संवाद फाउंडेशन के तत्वाधान में ऑनलाइन हस्ताक्षर की मुहिम चलाई जा रही है। जो राज्य के मुख्यमंत्री सहित राज्य सचिवालय के तमाम सचिव समेत मुंबई हाई कोर्ट और ठाणे सेशन कोर्ट के अलावा स्थानीय भिवंडी कोर्ट के जजों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
जन जागरण के नाम पर चलाई जा रही इस मुहीम के ज्ञापन में बताया गया है कि शहर की परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा भिवंडी जोन-2 के पुलिस उपायुक्तालय को सिर्फ आईपीएस कैडर के पुलिस उपायुक्त के लिए संरक्षित रखा गया है। लेकिन राजनैतिक हस्तक्षेप व सुविधा के लिए अक्सर यहां महाराष्ट्र पुलिस सेवा (मपोसे) के प्रमोटी पुलिस अधिकारियों को तैनात किया जाता रहा है। फिलहाल भिवंडी में अभी भी मपोसे यानी प्रमोटी पुलिस अधिकारी ही डीसीपी है। जो राज्य सरकार की अपनी खुद की गाईड लाईन के खिलाफ है। जिसके लिए जागरूकता अभियान चलाकर शहर में किसी आईपीएस कैडर के पुलिस अधिकारी की तैनाती की मांग की जा रही है। ताकि शहर की आपराधिक गतिविधियां काबू में रखने के साथ-साथ शहर में शांति व कानून व्यवस्था सतत कायम रहे।
हस्ताक्षर अभियान के ज्ञापन के मुताबिक़ मुनीर अहमद मोमिन ने राज्य सरकार पर भिवंडीवासियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए बताया कि आईपीएस कैडर के अधिकारियों का (आईक्यू IQ लेवल) बुद्धि लब्धि स्तर प्रमोटी पुलिस अधिकारियों की अपेक्षा बेहतर और स्वस्थ होता है। वे अपनी सूझबूझ और क्षमता द्वारा निष्पक्ष ढंग से कठिन से कठिन परिस्थितियों को भी काबू में करने में माहिर होते हैं। जबकि इसके विपरीत प्रमोटी अधिकारी स्थानीय प्रभावशाली लोगों समेत राजनैतिक दलों के दबाव में ऐसे वैसे कदम उठा लेते हैं। जिससे कभी-कभी शहर की शांति एवं कानून व्यवस्था प्रभावित होती है। मोमिन ने राज्य सरकार से इस मामले में सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए गरीब-मजदूरों और अल्पसंख्यक बहुल शहर भिवंडी में आईपीएस कैडर के पुलिस अधिकारी की तैनाती बतौर डीसीपी करने की मांग करते हुए चेताया है कि जब तक भिवंडी में आपीएस कैडर के पुलिस अधिकारी की तैनाती नहीं होगी तब तक हस्ताक्षर अभियान जारी रहेगा।
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