ठाणे [ युनिस खान ] ऑनलाइन शॉपिंग के चलते घरों, इमारतों या सोसायटियों में ‘डिलीवरी बॉय’ की संख्या में वृद्धि के साथ अपराधिक घटनाओं के मद्देनजर पुलिस सक्रीय हो गयी है। अब ठाणे पुलिस ने इन डिलीवरी बॉय या घर पर ऑनलाइन सेवाएं देने वालों के चरित्र की जांच करने का फैसला किया है।
चरित्र सत्यापन के बाद, डिलीवरी बॉय को पुलिस द्वारा एक विशेष पहचान पत्र दिया जाएगा, जिसके आधार पर उन्हें इमारतों में प्रवेश करने की अनुमति होगी। इस तरह की पुलिस ने अपील की है। कहा गया है कि एक महिला को ‘स्विगी बॉय’ बताकर लूटने के बाद ठाणे पुलिस ने अब इस संबंध में नियम बना दिया है। यह नियम कोई नया नहीं है सुरक्षा रक्षक की नौकरी करते अपराधिक गति विधियों में लिप्त पाए जाने के बाद पुलिस ने काम पर रखने व किराए पर घर देने पर पुलिस वेरिफिकेशन व उनके प्रमाण के रूप में फोटो पहचान , मूल निवास व स्कूल प्रमाणपत्र आदि जमा कराने का नियम लागू किया गया है।
कुछ दिन पहले ठाणे के नौपाड़ा इलाके में ‘स्विगी बॉय’ बने एक शख्स ने एक महिला के बच्चे के गले में चाकू मारकर करीब 10 लाख रुपये लूट लिए थे। इस घटना के बाद साफ हो गया कि खाना घर लाने वाले लोगों की पहचान करना या उनके बारे में कुछ जानकारी हासिल करना कितना मुश्किल था। पुलिस तुरंत समझ गई कि इस संबंध में कुछ नियमों को लागू करने की जरूरत है। इस अपराध में पुलिस ने करीब 60 जगहों के सीसीटीवी खंगाले और उसके बाद ठाणे पुलिस दोषियों को गिरफ्तार करने में सफल रही।
गिरफ्तार तीन आरोपियों में एक नाबालिग है। चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य आरोपी और वादी महिला एक दूसरे को जानते थे और आरोपी ने इसका फायदा उठाया। हालांकि यह पता चला है कि यह अपराध तत्काल पैसा बनाने के इरादे से किया गया था, ठाणे पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया है। अब नए नियम का कड़ाई से लागू करने पर बगैर पुलिस वेरिफिकेशन पहचान पत्र के डिलीवरी करने वालों को सोसायटियों में प्रवेश करना मुश्किल हो सकता है।