



मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] पश्चिम बंगाल में स्थित औद्योगिक पार्कों की चेन, गणेश इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स कारोबारियों को अपने इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स के माध्यम से पूर्वी भारत में कारोबार विकसित करने के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहा है। गणेश कॉम्प्लेक्स बंगाल के औद्योगीकरण में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर काफी प्रभाव पड़ेगा। रानीहाटी, रौता और पाँचला में मौजूदा चार पार्क 17,424,000 वर्गफूट में में फैले हैं जो अत्याधुनिक लॉजिस्टिकल समाधान मुहैया करते हैं। वे पेपर, पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक, टायर, चिकित्सीय और औद्योगिक गैस, लुब्रिकेंट्स जैसे अनेक व्यावसायिक क्षेत्रों इएन; तथा प्राण, प्रेस्टीज, अनमोल इंडस्ट्रीज, नॉरिचर बाई अनमोल फीड्स, एमिज़ा, वी.एच. पॉलीमर्स नेक्स्टजेन, अमेज़न, आदि जैसी कंपनियों के साथ सहयोग किया है। उनकी फ़किलितिएस ग्राहक-केन्द्रित हैं और उनमें उन्नत प्रौद्योगिकी तथा चिरस्थायी हरित भंडारण पद्धतियाँ सम्मिलित हैं।
ब्रांड के प्रयासों पर गणेश इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स के निदेशक, श्री आलोक बाजोरियाने कहा कि,“हाल के वर्षों में, हमने कारोबार की जरूरतों और इंडस्ट्री के प्रमुख मानकों को ध्यान में रखकर कई सुविधाओं का विकास किया है। सरकारी और निजी प्रयासों के नतीजे के रूप में पूरे बंगाल में व्यापार और उपभोक्ता गतिविधि तेजी से विकसित हो रही है। वितरण, उत्पादन और विपणन के लिए एक ही केंद्र पर मजबूत आधार तैयार करना इस तेजी से विकसित होती क्षमता के उपयोग का सबसे प्रभावी तरीका है।”
बंगाल की राजधानी के आसपास सड़क और जल विकास पर संकेंद्रित कुल 14,000 करोड़ रुपये की विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की घोषणा के बाद बंगाल के औद्योगिक परिदृश्य में मौजूदा स्थिति संभावनाशील प्रतीत हो रही है। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की बंगाल में काफी बड़ी संख्या है, जो पूरे देश में एमएसएमई का14 फीसदी हिस्सा है। बंगाल के एमएसएमई राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे राज्य के आर्थिक विकास को तो समर्थन देते ही है, रोजगार, निर्यात और उत्पादन में भी मदद करते हैं। गणेश कॉम्प्लेक्स का उद्देश्य एमएसएमई व्यवसायों को निर्माण केंद्र स्थापित करने का ऑफर देना है। बंगाल में करीब 90 लाख इकाइयों के परिचालन के साथ राज्य सरकार आम सुविधा केन्द्रों की स्थापना करने क्लस्टर्स को सपोर्ट कर रही है। इन केन्द्रों में लगभग 550 एमएसएमई क्लस्टर्स के लिए प्रशिक्षण, उपकरण और औजार प्रदान किये जाते हैं।
कंपनी का लक्ष्य कोरोना के बाद के युग में बंगाल की पहचान प्रॉडक्ट्स की खपत करने वाले राज्य से हटकर ओद्योगिक राज्य बनाने का है। कंपनी स्थानीय कारोबारियों के दीर्घकालिक विकास का समर्थन करने के लिए राज्य के बुनियादी इंडस्ट्रियल ढाँचे में महत्वपूर्ण योगदान देने के प्रति संकल्पित है। कंपनी एक साथ ही छोटे पैमाने पर व्यवसाय करने वाले कारोबारियों और बंगाल में उद्योग स्थापित करने के लिए आ रही टॉप कंपनियों को सरकार के समर्थन से संसाधन प्रदान कर रही है। इसके साथ ही कंपनी कई क्षेत्रों जैसे आयरन और स्टील, चाय, चमड़ा, जूट, एफएमसीजी, धातु, खनिज, सीमेंट लॉजिस्टिक्स, केमिकल्स, रबर फॉर्मा, प्लास्टिक और पेट्रोलियम इंडस्ट्री में भी सहयोग कर रही है। इससे गणेश कॉम्प्लेक्स को उम्मीद है कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुँचाने में उल्लेखनीय सहयोग प्रदान करेगा। रणनैतिक स्थिति, उन्नत तकनीकी एकीकरण, टिकाऊ संसाधन, और प्राथमिकता पर आधारित आद्योपांत (एंड-टू-एंड) लॉजिस्टिक समाधान कुछ उल्लेखनी लाभ हैं, जो कंपनी के वर्तमान इंफ्रास्ट्रक्चर से ग्राहकों को मिलते हैं।
श्री बाजोरिया के निर्देशन में, गणेश औद्योगिक परिसर ने पूर्वी भारत में विस्तार के लिए विकास का अगला चरण शुरू कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप उन स्थानों का निर्माण किया जाएगा जो ज्यादा व्यावाहरिक और ज्यादा अनुकूल होंगे। इसके साथ ही कंपनी सुविधाजनक पहुँच, जनसुविधाओं की प्लानिंग, संसाधनों की उपलब्घता और एस्टेट के विकास के लिए नया आधारभूत ढाँचा उपलब्ध कराएगी। इससे उन्हें पूर्वी भारत में नया ओद्योगिक केंद्र स्थापित करने के लिए कब्जे के लिए तैयार (रेडी टू मूव) सोल्यूशन मिलेगा।