



मुंबई [ अमन न्यूज नेटवर्क ] अम्मा का ६९ वां प्राकट्य दिवस मनाने के लिए,भारत तथा विश्व भर से हज़ारों लोग अमृतपुरी में एकत्रित हुए और कई हज़ार लोगों ने ग्लोबल वेबकास्ट के माध्यम से इस उत्सव में सम्मिलित हुए। केरल के कोल्लम स्थित अपने आश्रम से,माता अमृतानन्दमयी देवी ने बताया कि कोविड-१९ महामारी के उपरांत विश्व के पास एक बेहतर जीवन को अपनाने के चयन का विकल्प है।
अम्मा ने सुझाव दिया कि लोग अपने जन्मदिन पर बीजों के गोले गिरा कर और पौध लगा कर अपने स्थानीय पर्यावरण को पोषित कर सकते हैं। इस प्रकार,प्रतिदिन सैंकड़ों वृक्षों और पौधों का रोपण होगा और वैश्विक स्तर पर पर्यावरण में संतुलन का पुनः स्थापन होगा। जैसे-जैसे विश्व महामारी के स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था सम्बन्धी धक्के से शनैः-शनैः संभल रहा है,अम्मा के प्राकट्य-दिवस का उत्सव अनेकों लोगों के लिए,’समाज के सभी सामाजिक एवं आर्थिक स्तरों के सभी लोगों से प्रेम व उनकी सेवा’ के अम्मा के स्वप्न को साकार करने के लिए एकजुट हो कर खुशियां मनाने का अवसर बन गया।
उत्सव का श्रीगणेश पूर्वसंध्या के रात ९ बजे कार्तिका पूजा से हुआ और गुरुवार की सुबह ५ बजे तक कई पूजाओं,विधियों और वैदिक मंत्रोच्चार का क्रम जारी रहा। सुबह दस बजे अम्मा का भजन हॉल में पुण्य आगमन हुआ और अम्मा के वरिष्ठ शिष्य,स्वामी आत्मस्वरूपानन्द पुरी जी ने गुरु-पादुका-पूजा की। फिर अम्मा ने अपना सन्देश देने के बाद सबके साथ ध्यान व विश्व-शांति हेतु प्रार्थना की। तत्पश्चात् उन्होंने हज़ारों की संख्या में आये भक्तों को गले लगा कर दर्शन दिए।