ठाणे [ युनिस खान ] कारगिल युद्ध में अपना साहस दिखाने वाले एक अनुभवी ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) सुधीर सावंत ने शुक्रवार को ठाणे में बातचीत के दौरान स्कूली पाठ्यक्रम में रक्षा शिक्षा को एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया है। ब्रिगेडियर सावंत एक समारोह में भाग लेने के लिए ठाणे आए थे। इस दौरान जमीनी स्तर पर रक्षा शिक्षा की अनिवार्य आवश्यकता के संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता ओम प्रकाश शर्मा के साथ चर्चा की।
ब्रिगेडियर सावंत ने कम उम्र से ही रक्षा शिक्षा की नींव रखकर युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने के लिए तैयार करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “छात्रों को रक्षा के ज्ञान से लैस करने से उनमें राष्ट्रीय कर्तव्य की भावना को बढ़ावा देने में बहुत मदद मिलेगी।राष्ट्र के सामने मौजूद परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए सावंत ने रक्षा क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया। हालाँकि, उन्होंने पाठ्यक्रम के संबंध में विशेष जानकारी देने से परहेज किया।
मेजर सुधीर सावंत सेना से सेवा निवृत्त होने के बाद लोकसभा सांसद थे उसे समय कारगिल में युद्ध शुरू हुआ। वे युद्ध में जाकर साहस दिखाया , उनकी बहादुरी को देखते से मेजर से ब्रिगेडियर के पद देकर सम्मानित किया गया। एक सांसद और पूर्व सैनिक के रूप में कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने के लिए उस समय उनकी काफी सराहना हुई।
जम्मू-कश्मीर के चुनौतीपूर्ण इलाकों में सेवा करने और ऑपरेशन विजय में भाग लेने के व्यापक अनुभव के साथ, सावंत राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा में अमूल्य अंतर्दृष्टि रखते हैं। वह वर्तमान में फोरम फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। इस दौरान शर्मा के अलावा पूर्व एन एस जी कमांडो व पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के अंगरक्षक रहे राजू पाटील , पूर्व सैनिक डी आर निंबालकर, अनिल सोनकर आदि उपस्थित थे।