मुंबई [ युनिस खान ] हाथ धोना सामान्य व महत्वपूर्ण आदत है कोरोना से इसकी गंभीरता का पता चला है। बार बार हाथ धोने अपनी जीवन पद्धति के रूप में स्वीकार करना पड़ेगा। इस आशय का आवाहन राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री एड. यशोमती ठाकुर ने किया है। उन्होंने 15 अक्टोबर विश्व स्तर पर आयोजित होने वाले विश्व हाथधोना दिवस यानी ग्लोबल हैण्डवाशिंग डे के निमित्त महिला व बाल विकास विभाग एवं यूनिसेफ ओर से कल हुए राज्य स्तरीय वेबिनार में बोलते हुए कहा है। वेबिनार के लिए एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना आयुक्त श्रीमती इंद्रा मालो , राज्य की जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ,जिला प्रकल्प अधिकारी ,उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी ,बाल विकास अधिकारी ,यूनिसेफ वाश स्पेशलिस्ट युसूफ कबीर , यूनिसेफ न्यूट्रीशन आफिसर डा. अपर्णा देशपांडे , राज्य की आगनवाडी कार्यकर्ता व पर्वेक्षिका उपस्थित थी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी कार्यक्रम के अंग के रूप में ग्लोबल हैण्डवाशिंग डे संपूर्ण राज्य में आयोजित करने का आवाहन करते हुए एड. ठाकुर ने कहा है कि स्वच्छता के बारे में बड़े लोगों ने मार्गदर्शन किया है। कोरोना काल में हाथ धोने महत्व का पता चला है। अब विश्व हातधोना दिवस के निमित्त हम बार बार हाथ धोने महत्व को प्रचार माध्यम के जरिये लोगों तक बड़े स्तर पर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ जीवन जीने की शुरुआत करना चाहिए। इस समय सार्वजनिक आरोग्य ,व्यक्तिगत आरोग्य मानसिक आरोग्य आदि पर ध्यान देना पड़ेगा। आयुक्त श्रीमती मालो ने कहा कि कुपोषण जैसे संकट पर हम हाथ धोने आदत से कुछ हद तक रोकने में महत्वपूर्ण हैं। यह समझाने में हम काफी प्रयास कर रहे थे। लेकिन कोविड काल में यह संभव हुआ है। हैण्डवाशिंग डे निमित्त विभाग के द्वारा विविध उपक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी आंगनवाडी केंद्र में बच्चों के लिए हाथ धोने की आसान पद्धति से सुविधा उपलब्ध कराने का नियोजन करने का जिला स्तरीय अधिकारीयों से कहा गया है। यूनिसेफ राज्य प्रमुख राजेश्वरी चंद्रशेखर हाथधोने का महत्व बताया।